नोटबंदी से अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा : जेटली

सीआइआइ पार्टनरशिप समिट में अरुण जेटली कि नोटबंदी और जीएसटी से राज्यों और केंद्र सरकारों को ज्यादा राजस्व मिलना सुनिश्चित होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 27 Jan 2017 09:29 PM (IST) Updated:Fri, 27 Jan 2017 09:49 PM (IST)
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा : जेटली
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा : जेटली

विशाखापत्तनम,प्रेट्र/आइएनएस। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि नोटबंदी से थोड़े समय के लिए वित्तीय प्रणाली को झटका लगा है लेकिन इससे काली अर्थव्यवस्था मुख्य अर्थव्यवस्था में जुड़ जाएगी और कराधान में सुधार होगा। जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि इसे लागू करने के लिए सबसे पेचीदे मसलों पर केंद्र व राज्य सरकारों के बीच सहमति बन गई है। अब जीएसटी को लागू करने की तैयारी है।

यहां सीआइआइ पार्टनरशिप समिट में अरुण जेटली कि नोटबंदी और जीएसटी से राज्यों और केंद्र सरकारों को ज्यादा राजस्व मिलना सुनिश्चित होगा। इससे अर्थव्यवस्था का आकार भी बढ़ेगा। भारत को मुख्यत: टैक्स नॉन-कंप्लायंट समाज बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकारों को व्यवस्था चलाने के लिए राजस्व बढ़ाने के तमाम प्रयास करने पड़ रहे थे।

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इस व्यवस्था में कर चोरी करने वाले फायदे में रहते थे। इसके चलते सामान्य करदाताओं के साथ अन्याय होता रहा। चूंकि कर चोर टैक्स नहीं भरते हैं, ऐसे में करदाताओं पर ज्यादा टैक्स भार पड़ता है। अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे पारदर्शी और खुली अर्थव्यवस्था बन रहा है। देश में 90 फीसद विदेशी निवेश को ऑटोमैटिक रूप से अनुमति है।

भारत की भूुिमका अग्रणी: सीतारमण

कार्यक्रम में वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश दुनिया को टिकाऊ आर्थिक विकास की ले जाने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए तमाम सेक्टरों के लिए कम लागत की उत्पादन व्यवस्था अहम होगी। इंजीनियरिंग, कृषि, साइंस व टेक्नोलॉजी, हैल्थकेयर और शिक्षा के क्षेत्र में विकासशील देश औद्योगिक व आधुनिक देशों को किफायती समाधान दे सकते हैं।

जीएसटी से नहीं छिनेंगी नौकरियां

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी से नौकरियां जाने की आशंकाओं को निराधार बताते हुए कहा है कि कर अधिकारियों व कर्मचारियों को असुरक्षा के लिए चिंतित नहीं होना चाहिए। नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में उनके लिए पर्याप्त काम और अवसर होंगे। यहां केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अवसरों को लेकर चिंता होने के लिए उन्हें कोई कारण नजर नहीं आता है। लेकिन जीएसटी लागू होने पर गतिविधियों में बदलाव अवश्य होगा।

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