देश के 257 पुलिस स्टेशनों में नहीं हैं वाहन, 638 थाने बिना फोन के ही संचालित, संसद की स्थायी समिति ने रिपोर्ट में दी जानकारी

देश में 257 पुलिस स्टेशन के पास वाहन नहीं है। इसके अलावा 638 थाने बिना टेलीफोन के हैं। गृह मंत्रालय पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक जनवरी 2020 तक 143 पुलिस स्टेशन ऐसे थे जहां वायरलेस या मोबाइल फोन की सुविधा नहीं थी।

By Amit SinghEdited By: Publish:Fri, 11 Feb 2022 04:52 PM (IST) Updated:Fri, 11 Feb 2022 11:47 PM (IST)
देश के 257 पुलिस स्टेशनों में नहीं हैं वाहन, 638 थाने बिना फोन के ही संचालित, संसद की स्थायी समिति ने रिपोर्ट में दी जानकारी
बिना बुनियादी सुविधाओं के चल रहे पुलिस थाने (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, प्रेट्र: देश में 257 पुलिस स्टेशन के पास वाहन नहीं है। इसके अलावा 638 थाने बिना टेलीफोन के हैं। गृह मंत्रालय पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक जनवरी, 2020 तक 143 पुलिस स्टेशन ऐसे थे, जहां वायरलेस या मोबाइल फोन की सुविधा नहीं थी। देश में कुल 16,833 पुलिस थाने हैं। स्थायी समिति की यह रिपोर्ट गुरुवार को संसद में पेश की गई।

पुलिस के लिए मजबूत संचार साधन जरूरी

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा, हमारा मानना है कि आधुनिक पुलिस व्यवस्था के लिए मजबूत संचार साधन जरूरी है। इसके अलावा अत्याधुनिक हथियार और किसी स्थिति से निपटने के लिए आवागमन का भी बेहतर साधन होना चाहिए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 21वीं सदी के भारत में भी ऐसे पुलिस थाने हैं, जहां टेलीफोन या वायरलेस की सुविधा नहीं है। यह स्थिति अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और पंजाब जैसे संवेदनशील राज्यों की है। यहां इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि इनमें से कुछ राज्यों को 2018-19 में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी गई थी।

पुलिस कर्मियों के 5.30 लाख पद रिक्त

स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य पुलिस बलों में पुलिस कर्मियों के 5.30 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। समिति के अनुसार, पुलिस कर्मियों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 26,23,225 है। इस तरह लगभग 21 प्रतिशत पद फिलहाल खाली पड़े हैं। ज्यादातर रिक्तियां कांस्टेबल रैंक पर हैं।

कई प्रदेशों में साइबर सेल स्थापित नहीं 

शुक्रवार को संसद में पेश की गई आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की स्थायी समिति रिपोर्ट में बताया गया कि पंजाब, राजस्थान, गोवा, असम जैसे कुछ राज्यों में एक भी साइबर सेल नहीं है। वहीं आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में एक या दो साइबर सेल हैं। जिसके चलते इन प्रदेशों में साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। समिति ने गृह मंत्रालय से सभी जिलों में साइबर सेल गठित करने की सिफारिश की है।

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