पादरी टॉम की रिहाई के लिए फिरौती नहीं दी गईः वीके सिंह

मार्च 2016 में यमन के बंदरगाह शहर अदन में मिशनरी के आश्रय घर पर आतंकी हमले के बाद फादर टॉम उझुन्नालिल का अपहरण कर लिया गया था।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Wed, 13 Sep 2017 06:01 PM (IST) Updated:Wed, 13 Sep 2017 09:07 PM (IST)
पादरी टॉम की रिहाई के लिए फिरौती नहीं दी गईः वीके सिंह
पादरी टॉम की रिहाई के लिए फिरौती नहीं दी गईः वीके सिंह

तिरुवनंतपुरम, प्रेट्र। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के चंगुल से भारतीय पादरी टॉम उझुन्नालिल की रिहाई के एवज में कोई पैसा नहीं दिया गया। पादरी टॉम की रिहाई पर पूछे गए सवाल पर ये बयान केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की ओर से आया है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय चुपचाप बिना शोर किए काम को अंजाम तक पहुंचाता है।

उन्होंने कहा कि ओमान सरकार के हस्तक्षेप से उन्हें मुक्त करा कर यमन से मस्कट लाया गया। सुल्तान के कहने पर ओमानी शासन ने यमन में संबंधित पक्षों से बातचीत कर रिहाई को अंजाम दिया। ओमान ने पहले भी यमन में बंधक विदेशियों की रिहाई में मदद की है।

याद दिला दें कि मार्च 2016 में यमन के बंदरगाह शहर अदन में मिशनरी के आश्रय घर पर आतंकी हमले के बाद फादर टॉम उझुन्नालिल का अपहरण कर लिया गया था। इस हमले में चार नन समेत 16 लोग मारे गए थे। अपहरण के बाद दिसंबर 2016 में उनका एक वीडियो सामने आया था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पोप फ्रांसिस से अपनी सकुशल रिहाई कराने की अपील की थी। फादर ने वीडियो में कहा था कि वे भारतीय हैं इसलिए ईसाई संसार उनको नजरअंदाज कर रहा है। यदि वह यूरोपीय होते तो उनके मामले को गंभीरता से लिया जाता।

यमन के प्रशासन ने पिछले साल हुए हमले और अपहरण के लिए आइएस को जिम्मेदार बताया था। जबकि अल कायदा ने खुद को इससे अलग बताया था। युद्धग्रस्त यमन में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार ईरान समर्थित विद्रोहियों और आतंकवादियों से जूझ रही है। 

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