आगरा में नए टर्मिनल की इजाजत पर एयर ट्रैफिक बढ़ाने की नहीं- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पैलेस आन ह्वील जैसी लग्जरी ट्रेन आगरा के ताज संरक्षित क्षेत्र तक चलाने पर विचार करने को कहा। कोर्ट ने आगरा मे मैट्रो रेल प्रोजेक्ट का मामला विचार के लिए सीईसी को भेजा।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 08:43 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 08:43 AM (IST)
आगरा में नए टर्मिनल की इजाजत पर एयर ट्रैफिक बढ़ाने की नहीं- सुप्रीम कोर्ट
आगरा में नए टर्मिनल की इजाजत पर एयर ट्रैफिक बढ़ाने की नहीं- सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने आगरा के नागरिक हवाई अड्डे में नया टर्मिनल बनाने की इजाजत दे दी है लेकिन कोर्ट ने ताजमहल और पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की आशंका से एयर ट्रैफिक बढ़ाने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया। कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा है कि वह इसमे रेलवे की मदद ले सकता है और ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) तक पर्यटकों को ले जाने के लिए पैलेस आन ह्वील्स जैसी लैग्जरी ट्रेन चलाने पर विचार करे। इसके अलावा कोर्ट ने आगरा में मैट्रो रेल प्रोजेक्ट शुरु करने का मामला कोर्ट द्वारा गठित केन्द्रीय अधिकारिता समिति (सीईसी) को भेज दिया है और सीईसी से उस पर चार सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।

यह आदेश बुधवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने ताजमहल संरक्षण के मामले में सुनवाई के दौरान दिये। बुधवार को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अजीत कुमार सिन्हा ने आगरा एयरपोर्ट पर सिविल एन्क्लेव बिल्डिंग मे एक नया टर्मिनल बनाए जाने की इजाजत मांगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए टीटीजेड अथारिटी और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से इजाजत मिल चुकी है।

कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया उन्हें इसकी इजाजत न देने का कोई कारण नजर नहीं आता। तभी एमसी मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर कोर्ट ने इसकी इजाजत दी तो वहां एयर ट्रैफिक बढ़ जाएगा वहां हवाई जहाज की आवाजाही बढ़ेगी जो कि पर्यावरण और संरक्षित धरोहर ताजमहल के लिए नुकसानदेह होगा। इन दलीलों पर पीठ ने कहा कि वे वहां एयर ट्रैफिक बढ़ाने की इजाजत नहीं दे सकते।

केन्द्र की ओर से पेश एएसजी एएनएस नंदकरणी ने कहा केन्द्र सरकार एक अध्ययन कराने की सोच रही है जिसमे यह पता लगाया जाएगा कि एक वर्ष में कितने पर्यटक वहां आते हैं और कितना एयर ट्रैफिक बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि अध्ययन के बाद ही सरकार वहां पर एयर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए इजाजत मांगेगी। कोर्ट ने साफ किया कि वहां पर एयर ट्रैफिक बढ़ाने की इजाजत देना मुश्किल होगा। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोई वैकल्पिक जगह तलाशे जहां से एयर ट्रैफिक की संभावित बढ़ोत्तरी के लिए हवाई जहाज संचालित हों।

कोर्ट ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इस संबंध में रेलवे पैलेस आन ह्वील जैसी उत्तम लग्जरी ट्रेन उपलब्ध करा सकता है। ये ट्रेन वैकल्पिक एयर फील्ड से पर्यटकों को टीटीजेड जोन तक पहुंचा सकती है। कोर्ट ने कहा कि संरक्षित धरोहर ताजमहल और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए केन्द्र सरकार पर्यटकों की बढ़ोत्तरी के लिहाज से इसमें रेलवे की मदद ले सकती है। कोर्ट ने इस संबंध में तीन महीने मे रिपोर्ट मांगी है। केन्द्र सरकार को एयर ट्रैफिक बढ़ाने से रोकने की मांग पर केन्द्र सरकार जवाब दाखिल करेगी और उसके बाद जनवरी मे मामले पर विचार किया जाएगा।

लखनऊ मैट्रो रेल कारपोरेशन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से आगरा शहर मे मैट्रो सेवा शुरू करने की इजाजत मांगी। कोर्ट ने इसका पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन करने के लिए मामला सीईसी को भेज दिया है। सीईसी आगरा मैट्रो रेल प्रोजेक्ट के बारे में चार सप्ताह मे कोर्ट को रिपोर्ट देगी। इसके बाद इस पर फिर सुनवाई होगी।

कोर्ट ने आगरा में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के बारे में आगरा म्युनिसिपल कारपोरेशन को नीरी को पर्यावरण प्रभाव आंकलन रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। नीरी इस पर एक सप्ताह में अपनी राय कोर्ट को देगी। वेस्ट टु एनर्जी प्लांट स्पाक ब्रेजन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का है। इस मामले पर कोर्ट 17 दिसंबर को फिर सुनवाई करेगा। इसके अलावा कुछ विभागों की ओर से पेड़ काटने की इजाजत मांगने वाली अर्जियां कोर्ट ने विचार के लिए सीईसी को भेज दी हैं। सीईसी से उन पर चार सप्ताह में जवाब देगी।

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