NGT ने अमेजन और फ्लिपकार्ट से हर्जाना वसूलने का दिया आदेश, पैकेजिंग को लेकर लगाए ये आरोप

एनजीटी के चेयरपर्सन एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा सीपीसीबी ने एक रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें कानून लागू नहीं करने के लिए फिर एक या अन्य कारण बताए गए हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Sep 2020 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 12 Sep 2020 06:46 PM (IST)
NGT ने अमेजन और फ्लिपकार्ट से हर्जाना वसूलने का दिया आदेश, पैकेजिंग को लेकर लगाए ये आरोप
NGT ने अमेजन और फ्लिपकार्ट से हर्जाना वसूलने का दिया आदेश, पैकेजिंग को लेकर लगाए ये आरोप

नई दिल्ली, प्रेट्र। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को पर्यावरण ऑडिट कराने और पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन व फ्लिपकार्ट से हर्जाना वसूलने का आदेश दिया है।

एनजीटी के चेयरपर्सन एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'सीपीसीबी ने एक रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें कानून लागू नहीं करने के लिए फिर एक या अन्य कारण बताए गए हैं, लेकिन इसमें सीपीसीबी द्वारा सीधे या राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो के समन्वय से की गई कार्रवाई का कोई जिक्र नहीं है। सीपीसीबी संबंधित इकाइयों के खिलाफ पर्यावरण ऑडिट का आदेश देने और पर्यावरण मानकों के उल्लंघन का आकलन कर उसके लिए हर्जाना वसूलने पर विचार कर सकता है।' ट्रिब्यूनल ने 14 अक्टूबर से पहले ई-मेल के जरिये कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। अगली सुनवाई पर सीपीसीबी के सदस्य सचिव को भी व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहना होगा।

पैकेजिंग में अधिक प्लास्टिक का न करें इस्तेमाल 

ट्रिब्यूनल 16 वर्षीय आदित्य दुबे की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें मांग की गई है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट को आदेश दिया जाए कि वे आपूर्ति किए जाने वाले सामान की पैकेजिंग में अधिक प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें। अपने कानूनी अभिभावक अधिवक्ता मीनेश दुबे के जरिये दायर याचिका में उनका कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों, 2016 के दायरे में आती हैं, लेकिन निगरानी और क्रियान्वयन के अभाव में वे बिक्री वाले सामान की पैकेजिंग में लगातार अत्यधिक प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रही हैं।

वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन लगाए जाने का निर्देश

वहीं, दूसरी ओर कुछ दिन पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने छह महीने के भीतर देशभर में 175 वायु गुणवत्ता निगरानी (एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग) स्टेशन स्थापित करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर एनजीटी ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Program, NCAP) पर रिपोर्ट को लेकर फटकार भी लगाई। इसमें 2024 तक 20 से 30 फीसद वायु प्रदूषण कम करने का प्रस्ताव किया गया है।

chat bot
आपका साथी