हिमाचल में राजमार्ग के तीन मीटर दायरे में निर्माण पर रोक

एनजीटी ने कहा कि राज्य सरकार अपनी संवैधानिक जवाबदेही का निर्वाह करने में विफल रही है। इस विफलता के कारण मनोहारी शिमला प्राकृतिक और मानवीय त्रासदी में बदल गया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Thu, 16 Nov 2017 09:31 PM (IST) Updated:Thu, 16 Nov 2017 09:31 PM (IST)
हिमाचल में राजमार्ग के तीन मीटर दायरे में निर्माण पर रोक
हिमाचल में राजमार्ग के तीन मीटर दायरे में निर्माण पर रोक

नई दिल्ली, प्रेट्र : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश में हरित, वन और कोर क्षेत्र के किसी भी हिस्से में सभी प्रकार के आवासीय या व्यावसायिक निर्माणों पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप तीन मीटर के दायरे में भी निर्माण पर रोक लगाई गई है। न्यायाधिकरण ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश सरकार को बेतहाशा निर्माण की अनुमति देने के लिए फटकार लगाई। एनजीटी ने कहा कि राज्य सरकार अपनी संवैधानिक जवाबदेही का निर्वाह करने में विफल रही है। इस विफलता के कारण मनोहारी शिमला प्राकृतिक और मानवीय त्रासदी में बदल गया है।

पीठ ने कहा, 'यदि इस तरह के अनियोजित और अव्यवस्थित विकास को अनुमति दी गई तो पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन को अपूर्णीय क्षति होगी। लगे हाथ यह आपदा को भी निमंत्रण देने वाला होगा।'

एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने हिमाचल प्रदेश सरकार और उसके विभागों को बिना अनुमति पहाडि़यों और वनों की कटाई करने से रोक दिया है। निर्माण की योजना की मंजूरी के लिए सरकार और विभाग को पहले आवेदन सौंपना होगा।

यदि कोई व्यक्ति संबंधित अधिकारी की अनुमति के बिना वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाते या पहाड़ को काटते पाया गया तो उसे पांच लाख रुपये पर्यावरण मुआवजा भरना होगा। इसके अलावा एनजीटी ने शिमला में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है। पीठ ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दुकानदार ऐसी सामग्री का इस्तेमाल, भंडारण और बिक्री नहीं कर सकें।

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