गैस मूल्य के नए फॉर्मूले को सचिवों की समिति

प्राकृतिक गैस मूल्य का नया फॉर्मूला तय करने के लिए सरकार ने सचिवों की एक समिति का गठन किया है। इसमें ऊर्जा, उर्वरक एवं व्यय विभाग के सचिवों को शामिल किया गया है। समिति के सदस्य सचिव बनाए गए पेट्रोलियम मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि समिति गैस उत्पादक कंपनियों, प्राथमिक उपभोक्ताओं समे

By Edited By: Publish:Sat, 23 Aug 2014 10:02 AM (IST) Updated:Sat, 23 Aug 2014 10:02 AM (IST)
गैस मूल्य के नए फॉर्मूले को सचिवों की समिति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्राकृतिक गैस मूल्य का नया फॉर्मूला तय करने के लिए सरकार ने सचिवों की एक समिति का गठन किया है। इसमें ऊर्जा, उर्वरक एवं व्यय विभाग के सचिवों को शामिल किया गया है।

समिति के सदस्य सचिव बनाए गए पेट्रोलियम मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजीव कुमार ने बताया कि समिति गैस उत्पादक कंपनियों, प्राथमिक उपभोक्ताओं समेत सभी पक्षों से बात करेगी। यह दो-तीन हफ्तों में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने पिछले दिनों संसद में कहा था कि राजग सरकार ने जनहित तथा संसदीय समितियों की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए रंगराजन फॉमरूले की समीक्षा का निर्णय लिया है। उन्होंने 30 सितंबर तक नए फॉर्मूले की घोषणा किए जाने तक 4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू का मूल्य बनाए रखने का आश्वासन दिया था।

संसद की वित्त एवं पेट्रोलियम संबंधी स्थायी समितियों ने रंगराजन फॉमरूले की समीक्षा का सुझाव दिया है। रंगराजन समिति के अनुसार गैस मूल्यों का कुछ न कुछ संबंध उत्पादन लागत से अवश्य होना चाहिए। तेल मंत्रालय के मुताबिक गैस उत्पादन की लागत 1.86 डॉलर से लेकर 4.31 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तक बैठती है। मोदी सरकार ने लगभग दो महीने पहले गैस कीमतों में तीव्र वृद्धि के पिछली संप्रग सरकार के प्रस्ताव को तीन महीने के लिए टालने का निर्णय लिया था। रंगराजन समिति के फॉमरूले पर आधारित इस प्रस्ताव के तहत एक अप्रैल, 2014 से गैस के दामों में दोगुनी वृद्धि कर इन्हें 8.4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) किया जाना था। आम चुनाव के कारण संप्रग सरकार को यह वृद्धि तीन महीने के लिए टालनी पड़ी थी।

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