New Education Policy: अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मिल के अलावा मिलेगा ब्रेकफास्ट भी

अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मिल के अलावा नाश्ता भी मिला करेगा। पिछले साप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नई शिक्षा नीति (NEP) में इसकी सिफारिश की गई है।

By TaniskEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 11:59 AM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 04:16 PM (IST)
New Education Policy: अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मिल के अलावा मिलेगा ब्रेकफास्ट भी
New Education Policy: अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिड-डे मिल के अलावा मिलेगा ब्रेकफास्ट भी

नई दिल्ली, पीटीआइ। अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मिल के अलावा ब्रेकफास्ट भी मिलेगा। पिछले साप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित नई शिक्षा नीति (NEP) में कहा गया है कि पौष्टिक नाश्ते के बाद सुबह का समय अध्ययन के लिए अच्छा साबित हो सकता है। इसलिए नाश्ते को शामिल करके मिड-डे मिल योजना के विस्तार की सिफारिश की गई है। 

नई शिक्षा नीति के अनुसार कुपोषित या अस्वस्थ बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ाई करने में असमर्थ होते हैं। इसलिए बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर स्वस्थ भोजन और प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं, परामर्शदाताओं और स्कूली शिक्षा प्रणाली में सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ध्यान दिया जाएगा। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि जहां बच्चों को गर्म भोजन मुहैया कराना संभव नहीं है, वहां मूंगफली, चना, गुड़ और स्थानीय फलों जैसे साधारण लेकिन पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसके अलावा सभी स्कूली बच्चों का नियमित रूप मेडिकल चेकअप होगा। इसकी निगरानी के लिए स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे।

जानें मिड-डे मील स्कीम के बारे में

बता दें मिड-डे मील स्कीम (MDMS)एक केंद्र-प्रायोजित योजना है। इस योजना में 'समग्र शिक्षा' के तहत सरकारी स्कूलों, सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों, मदरसों सहित विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में कक्षा 1 से 8 में पढ़ने वाले सभी बच्चों को दोपहर का भोजन मुहैया कराई जाती है।

11.59 करोड़ प्राथमिक विद्यालय के छात्र लाभार्थी

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार, कक्षा 1 से 8 वीं कक्षा में पढ़ने वाले या 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को सभी स्कूलों में छुट्टी के दिनों को छोड़कर, हर दिन मिड डे मील मुफ्त में दिया जाता है। हालांकि, कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने स्वयं के संसाधनों से छात्रों को दूध, अंडा और फल जैसे अतिरिक्त आइटम प्रदान करते हैं। एमएचआरडी मंत्रालय की मिड-डे मील योजना के तहत कम से कम 11.59 करोड़ प्राथमिक विद्यालय के छात्र लाभार्थी हैं। इसके लिए लगभग 26 लाख रसोइया कार्यरत हैं।

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