IB के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर बोले- इशरत जहां केस में गवाहों पर बनाया गया था दबाव

इशरत जहां केस में आइबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राजिंदर कुमार ने आज कहा है कि आइबी को अपमानित करने के लिए गवाहों पर दबाव बनाया गया था।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2016 09:15 AM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2016 10:02 AM (IST)
IB के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर बोले- इशरत जहां केस में गवाहों पर बनाया गया था दबाव

नई दिल्ली। इशरत जहां केस में आइबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राजिंदर कुमार ने आज कहा है कि आइबी को अपमानित करने के लिए गवाहों पर दबाव बनाया गया था।

उनके मुताबिक, मुझे लालच दिया गया कि रिटायरमेंट के बाद मुझे बड़ा पद दिया जाएगा, लेकिन मैंने कहा कि मैं गलत सुबूत नहीं दूंगा।

वे चाहते थे कि मैं बयान दूं जो गुजरात के सीएम को फंसाए जो तत्कालीन यूपीए सरकार के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहे थे।

जानिए, कौन थी इशरत जहां

-इशरत जहां मुंबई के मुंब्रा इलाके की रहने वाली थी। कॉलेज में पढ़ रही 19 वर्षीय इशरत निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से थी। 2002 में पिता की मृत्यु के बाद सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर की इशरत घर में इकलौती कमाने वाली थी।

क्या था एनकाउंटर मामला

15 जून, 2004 को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक एनकाउंटर किया था। इस एनकाउंटर में इशरत जहां और उसके चार साथियों की मौत हो गई थी। गुजरात पुलिस का दावा था कि इशरत व उसके तीनों साथी गुजरात के तब के सीएम और अब पीएम नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने अहमदाबाद आए थे। गुजरात हाईकोर्ट के ऑर्डर पर बनाई गई एसआईटी ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार दिया था। कोर्ट के ऑर्डर पर सीबीआई ने इस एनकाउंटर की जांच शुरू की। कई सीनियर पुलिस ऑफिसर्स पर सवाल उठे। सीबीआइ ने एक आरोपी को सरकारी गवाह भी बनाया था।

एनकाउंटर को लेकर मचा था बवाल

एनकाउंटर को विपक्षी पार्टियों ने राजनीतिक मुद्दा बना दिया और फर्जी बताया। जिसे लेकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के इस्तीफे की मांग भी हुई थी। इस मुठभेड के बाद लोगों ने यह कहा कि यह चारों लोग आतंकी नहीं थे। पुलिस ने इन्हें गोली मार दी और मरे हुए लोगों के हाथ में हथियार थमा दिए।

ये पुलिसवाले भी फंसे थे एनकाउंटर में

डीजी वंजारा का नाम सोहराबुद्दीन-तुलसीराम एनकाउंटर के बाद इशरत जहां मामले में भी सामने आया था। कोर्ट की इजाजत के बाद सीबीआई ने 2013 में उन्हें साबरमति जेल से हिरासत में लिया था। परमार सादिक जमाल एनकाउंटर में डीएसपी जेजी परमार जेल में थे। उन्हें भी इस केस में आरोपी बनाया गया। एसीपी एनके अमीन एनकाउंटर करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम को स्पॉट पर लीड कर रहे थे। एडीजीपी पीपी पांडे भी इसी मामले में गिरफ्तार हुए थे। सीबीआइ के मुताबिक, पांडे ही इस एनकाउंटर के मास्टरमाइंड थे।

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