नेपाल की सड़कों पर गोरिल्ला युद्ध जैसे हालात

संस्कृति व क्षेत्रीयता के आधार पर प्रदेश बंटवारे की मांग को लेकर नेपाल में संघर्ष और तेज हो गया है। हिंसक आंदोलन में अब तक 45 लापता हैं। सभी के मारे जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालात बेकाबू होते देख रौतहट, गुलहरियां सहित सेती अंचल के दस

By Test1 Test1Edited By: Publish:Tue, 25 Aug 2015 08:34 PM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2015 08:51 PM (IST)
नेपाल की सड़कों पर गोरिल्ला युद्ध जैसे हालात

जागरण संवाददाता, महराजगंज। संस्कृति व क्षेत्रीयता के आधार पर प्रदेश बंटवारे की मांग को लेकर नेपाल में संघर्ष और तेज हो गया है। हिंसक आंदोलन में अब तक 45 लापता हैं।

सभी के मारे जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालात बेकाबू होते देख रौतहट, गुलहरियां सहित सेती अंचल के दस स्थानों को सेना के हवाले कर दिया गया है। पखवारे भर से चल रहे आंदोलन से नेपाल में जन जीवन असामान्य हो गया है। भारत के रास्ते नेपाल जाने वाले पर्यटक भी सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां-तहां फंसे हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक नेपाल में भी अटके हैं। बाजारों में सन्नाटा है। अधिकांश स्थानों पर पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच गोरिल्ला युद्ध जैसे हालात हो गए हैं।

सोमवार को कैलाली के टीकापुर में हुए संघर्ष के बाद सेना को लगा दिया गया, फिर भी कई स्थानों पर तनाव बना हुआ है। पखवारे भर से चल रहे मधेशी, थारू व जनजाति समुदाय के आंदोलन के कैलाली में हिंसक रूप लेने के बाद उसका विस्तार पहाड़ी क्षेत्रों की तरफ भी हो गया। मंगलवार को सेना तैनात होने के बाद भी लोगों का आक्रोश दब नहीं पाया। मधेश प्रभावित जिले झापा, मोरंग, सुनसरी, सप्तसरी, किरहा, धनुषा, चितवन, नवलपरासी, रूपन्देही, दांग, कपिलवस्तु में दुकानें बंद रहीं, लोगों ने मार्च निकाल प्रदर्शन किया। अस्पताल को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे।

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कर्फ्यू लगाए जाने से रोजमर्रा के सामानों की किल्लत आन पड़ी है। मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा पहाड़ी क्षेत्र अपेक्षाकृत अधिक हिंसा के शिकार हुए। रौतहट जिले के गेरमा में एक आंदोलनकारी की मौत के बाद तो पहाड़ और गर्म हो गया। टीकापुर में सेना की तैनाती के बाद भी आंदोलकारियों ने कई सार्वजनिक स्थानों को आग के हवाले कर दिया। गृहमंत्री वामदेव गौतम ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

नेपालगंज में कर्फ्यू लगा, शाही सेना का फ्लैग मार्च

नेपाल में चल रहा आंदोलन खूनी होने के बाद सीमाई जिले बहराइच और बलरामपुर की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई, वहीं लखीमपुर की सीमा को सील कर दिया गया है। नेपाल के नेपालगंज में प्रशासन को स्थिति काबू पाने के लिए कफ्र्यू लगाने के साथ ही सेना को फ्लैग मार्च करना पड़ा। रुपईडीहा में फंसे नेपाली नागरिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए नेपाली पुलिस की गाड़ियों की व्यवस्था कराई गई है।

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