वीरता पुरस्कार: राष्ट्रपति ने दिए दो कीर्ति चक्र और 15 शौर्य चक्र

भारतीय सेना के सिपाही विजय कुमार और सीआरपीएफ के कांस्टेबल प्रदीप कुमार पांडा को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मरणोपरांत कीर्ति चक्र से अलंकृत किया।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 11:05 AM (IST) Updated:Tue, 19 Mar 2019 07:16 PM (IST)
वीरता पुरस्कार: राष्ट्रपति ने दिए दो कीर्ति चक्र और 15 शौर्य चक्र
वीरता पुरस्कार: राष्ट्रपति ने दिए दो कीर्ति चक्र और 15 शौर्य चक्र

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सशस्त्र बलों की जांबाजी, अदम्य साहस और अपने कर्तव्य के पालन में अपना परम योगदान देने वाले सैनिकों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया। उन्होंने दो कीर्ति चक्र और 15 शौर्य चक्र प्रदान किए। इनमें से दो कीर्ति चक्र और दो शौर्य चक्र परम बलिदान देने वाले शहीदों को मरणोपरांत दिए गए।

भारतीय सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में एक दुर्लभ घटना के तौर पर 16 साल के इरफान रमजान शेख को भी शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया। नाबालिग इरफान ने वर्ष 2017 में अपने घर पर हुए आतंकियों के हमले को नाकाम किया था। राष्ट्रपति ने सीआरपीएफ की 130वीं बटालियन में कांस्टेबल प्रदीप कुमार पांडा और राष्ट्रीय राइफल्स की 22वीं बटालियन के आर्मर्ड कॉ‌र्प्स के सोवर विजय कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि पांडा को यह वीरता पुरस्कार दिसंबर, 2017 में जम्मू और कश्मीर के लेथपोरा कैंप में आतंकियों से लड़ते हुए शहादत पाई थी। इसीतरह विजय कुमार को यह पुरस्कार अगस्त, 2018 में राज्य के दारसू गांव में दो खूंखार आतंकियों को खत्म करने पर मरणोपरांत प्रदान किया गया है। इसीतरह, राष्ट्रीय राइफल्स की 42वीं बटालियन की मैकेनाइज्ड इनफैंट्री में सिपाही अजय कुमार को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने एक आतंकी को मारने और अपनी टीम की रक्षा करने में अदम्य साहस का परिचय दिया था।

असम राइफल्स की चौथी बटालियन के राइफलमैन जयप्रकाश ओरॉन ने मणिपुर में एक सैन्य अभियान के दौरान अत्यधिक साहस के साथ दो उग्रवादियों को मार गिराया था और दो अन्य को घायल कर दिया था। शौर्य चक्र से सम्मानित होने वाले अन्य वीर जवानों में मेजर पवन कुमार (राष्ट्रीय राइफल्स), कुलदीप सिंह चाहार (सीआरपीएफ), जिले सिंह (सीआरपीएफ), राइफलमैन रथ्व लीलेश भाई (असम राइफल्स) शामिल हैं। इसके अलावा, ऑल पैराशूट रेजिमेंट विशेष बल के ले.कर्नल विक्रांत प्राशेर, कैप्टन अभय शर्मा, मेजर रोहित लिंगवाल, नायब सूबेदार अनिल कुमार दहिया, हवलदार जावीद अहमद भट, हवलदार कुल बहादुर थापा को भी शौर्य चक्र प्रदान किया गया।

इसके अलावा, जाट रेजिमेंट के ले.कर्नल अर्जुन शर्मा, गोरखा राइफल्स के मेजर इमलियाकुम केत्जर को भी राष्ट्रपति के हाथों शौर्य चक्र प्रदान किया गया। राष्ट्रपति ने अपनी सेवाओं में विशिष्ट योगदान के लिए सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अफसरों को भी 13 परम विशिष्ट सेवा पदक, दो उत्तम युद्ध सेवा पदक और 26 अतिविशिष्ट सेवा पदकों से सम्मानित किया गया है।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट को जम्मू-कश्मीर में उनकी अगुआई में आतंकवाद-रोधी अभियानों के सफल संचालन के लिए ‘उत्तम युद्ध सेवा पदक’ राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें दिया।

क्‍या है उत्‍तम युद्ध सेवा मेडल
उत्तम युद्ध सेवा पदक भारत सरकार द्वारा प्रदत्त सैन्य सम्मान में से एक है। इसे विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया जाता है। यह युद्धकालीन सम्मान, अति विशिष्ट सेवा पदक के समकक्ष है, जो एक शांतिकालीन विशिष्ट सेवा सम्मान है। उत्तम युद्ध सेवा पदक मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।

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