नए संसद भवन की सभी इमारतें होंगी आठ मंजिला, एक दर्जन इमारतों को किया जाएगा ध्‍वस्‍त

संसद भवन से लेकर राजपथ के किनारे वाली प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा की सभी इमारतें किसी भी हाल में इंडिया गेट (42 फीट) से अधिक ऊंची नहीं होंगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 09:19 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 09:25 PM (IST)
नए संसद भवन की सभी इमारतें होंगी आठ मंजिला, एक दर्जन इमारतों को किया जाएगा ध्‍वस्‍त
नए संसद भवन की सभी इमारतें होंगी आठ मंजिला, एक दर्जन इमारतों को किया जाएगा ध्‍वस्‍त

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद भवन से लेकर राजपथ के किनारे वाली प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा की सभी इमारतें किसी भी हाल में इंडिया गेट (42 फीट) से अधिक ऊंची नहीं होंगी। केंद्रीय सचिवालय के सभी कर्मचारियों को एक साथ काम करने के लिए बनाई जाने वाली केंद्रीय सचिवालय की सभी इमारतें आठ मंजिली और समान ऊंचाई की होंगी, जबकि पुरानी इमारतों में कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, लोकनायक भवन और विज्ञान समेत लगभग एक दर्जन को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इनकी जगह आधुनिक संसाधनों से लैस 10 नई इमारतों को बनाये जाने का प्रस्ताव है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

सभी इमारतें एक जैसे वास्तु की होंगी

संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सभी इमारतें एक जैसे वास्तु की होंगी, जो लुटियंस क्षेत्र की विशेषताओं के अनुकूल होंगी। दिल्ली जैसे महानगर के मध्य में होने के बावजूद यहां का तापमान अधिक होने के बावजूद कम होता है। सेंट्रल विस्टा में खुली जगह को बनाए रखने का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

नए संसद भवन की सभी इमारतें होंगी त्रिभुजाकार

संसद भवन की पुरानी इमारत जहां गोलकार है, वहीं नई इमारत त्रिभुजाकार होगी, जो बहुमंजिली होगी। संसद भवन में लोकसभा के एक हजार और राज्यसभा के पांच सौ सदस्यों को बैठने की व्यवस्था होगी। सभी सांसदों को बैठने के साथ राज्यसभा व लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों को बैठने का बंदोबस्त होगा। नए संसद भवन के लिए दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 को संशोधित कर दिया गया है। नई इमारत पुराने संसद भवन के सामने बनने वाला है। इसके निर्माण पर कुल 776 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू

राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसे हर हाल में सालभर के भीतर तैयार कर देने का लक्ष्य है, जहां आगामी गणतंत्र दिवस सामान्य रूप से मनाया जा सके। जिन भवनों को ध्वस्त कर उनकी जगह नये भवन बनाये जाने हैं, उनमें शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन, विज्ञान भवन, निर्माण भवन, विज्ञान भवन, लोकनायक भवन व उप राष्ट्रपति भवन प्रमुख हैं। विदेश मंत्रालय की नवनिर्मित इमारत जवाहरलाल नेहरु भवन को लेकर अभी तक कुछ तय नहीं हो पा रहा है। यह इमारत वर्ष 2011 में ही बनकर तैयार हुई है। इसी तरह नेशनल म्युजियम भवन को लेकर भी संदेह बरकरार है, जिसे हेरिटेज बिल्डिंग मानते हुए इसके हटाये जाने की संभावना कम है।

70 हजार लोगों के एक साथ बैठकर काम करने की व्यवस्था

केंद्रीय सचिवालय की कामन बिल्डिंग बनायी जाएगी, जिसमें 70 हजार लोगों के एक साथ बैठकर काम करने की व्यवस्था होगी। ये इमारतें ग्राउंड फ्लोर को छोड़कर सात मंजिला होंगी, जिन्हें आमतौर पर आठ मंजिला कहा जा सकता है। एक बात स्पष्ट है कि लुटियंस जोन बंगलों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। संसद भवन के दाहिने हिस्से में प्रधानमंत्री आवास और बायें भाग में उप राष्ट्रपति आवास बनाया जाएगा। साउथ ब्लॉक और राष्ट्रपति भवन के गेट तक के हिस्से को बायो डाइवर्सिटी पार्क के रूप में विकसित किये जाने की योजना है।

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