नरेंद्र सिंह तोमर बोले, किसान संगठनों से 11 दौर की हो चुकी है वार्ता, सरकार और बातचीत के लिए तैयार

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कई किसान संगठन और अर्थशास्त्री तीनों कृषि बिलों का समर्थन कर रहे हैं लेकिन कुछ किसान इनका विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के साथ सरकार की अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है। सरकार और बातचीत के लिए तैयार है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 05:05 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:30 PM (IST)
नरेंद्र सिंह तोमर बोले, किसान संगठनों से 11 दौर की हो चुकी है वार्ता, सरकार और बातचीत के लिए तैयार
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसान संगठनों से बातचीत के संकेत दिए हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कई किसान संगठन और अर्थशास्त्री तीनों कृषि बिलों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन कुछ किसान इनका विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के साथ सरकार की अब तक 11 दौर की वार्ता हो चुकी है। सरकार और बातचीत के लिए तैयार है। 

Many farmers unions, economists are supporting the Agricultural Bills but some farmers are protesting against the bills. The government held 11 round of talks with protesting farmer unions, we are ready for more talks: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/XUpQARNE2u— ANI (@ANI) April 10, 2021

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इन नए बिलों को लेकर देश के किसानों में कोई असंतोष नहीं है। सरकार उन किसान संगठनों से बात करने के लिए तैयार है जो इन बिलों के खिलाफ हैं। मैं किसान संगठनों से आग्रह करूंगा कि वे अपना आंदोलन स्थगित करें और सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है।

बता दें कि तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों का अध्ययन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने 19 मार्च को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को इन तीनों कानूनों को अगले आदेश तक लागू करने पर रोक लगा दी थी और गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय समिति नियुक्त की थी। समिति को कानूनों का अध्ययन करने और सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने के लिए दो महीने का समय दिया गया था।

गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर कई किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, किसान नेता देश के दूसरे हिस्सों में जाकर भी इन कानूनों के खिलाफ पंचायत सभाएं कर रहे हैं। विरोध कर रहे किसान केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद करने और फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग पर अड़े हुए हैं।

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