मेरा बेटा मेरी ताकत है: मेनका

सुलतानपुर, जासं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता मेनका गांधी शनिवार को अपने बेटे वरुण गांधी के प्रचार के लिए जिले के कादीपुर और लम्भुआ में जनसभा करने पहुंचीं। उन्होंने क्षेत्र से भावनात्मक नाता जोड़ा। तीस साल पुराने दर्द को साझा किया। वरुण को पिता की परछाईं व अपनी ताकत बताया और विश्वास दिलाया कि वह जो कहेगा वह करेग

By Edited By: Publish:Sat, 03 May 2014 10:13 PM (IST) Updated:Sat, 03 May 2014 10:13 PM (IST)
मेरा बेटा मेरी ताकत है: मेनका

सुलतानपुर, जासं। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता मेनका गांधी शनिवार को अपने बेटे वरुण गांधी के प्रचार के लिए जिले के कादीपुर और लम्भुआ में जनसभा करने पहुंचीं। उन्होंने क्षेत्र से भावनात्मक नाता जोड़ा। तीस साल पुराने दर्द को साझा किया। वरुण को पिता की परछाईं व अपनी ताकत बताया और विश्वास दिलाया कि वह जो कहेगा वह करेगा भी। उन्होंने लोगों से सवाल भी किया कि मोदी की लहर है कि या नहीं। लोगों का उत्साह देख बोलीं, मोदी ने पंद्रह वर्षो में गुजरात की तस्वीर बदल दी। बेटे को जिताने की अपील करते हुए कहा, वरुण यहां कुछ लेने नहीं देने आया है।

कादीपुर की जनसभा में मेनका गांधी ने कहा कि वरुण को मैंने बहुत ही साधना, त्याग और स्नेह से पाला है। उसी का परिणाम रहा कि वरुण ने अपने पिता की कर्मभूमि से चुनाव लड़ने का फैसला किया। मेरी भी इच्छा थी कि वरुण सुलतानपुर से चुनाव लड़ें, लेकिन मैंने कभी उससे कहा नहीं। लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, कादीपुर की बंद चीनी मिल व शाहगंज-कादीपुर रेलवे ट्रैक निर्माण का कार्य वरुण पर छोड़ दें। लम्भुआ की सभा में उन्होंने अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि मुझे यहां आकर ऐसा लग रहा है कि मैं अपने पति के घर आई हूं। आज भी याद है कि संजय जी के साथ जब मैं आती थी तो महुआ के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया करती थी। वरुण तब चार साल के थे जब पिता की कर्मभूमि दिखाने लाई थी। पति की मौत के बाद तमाम उतार-चढ़ाव देखे। दर्द ऐसा मिला जिसे पूरा देश जानता है। अब मैंने आपको अपना बेटा सौंपा है। उन्होंने वादा किया कि सुलतानपुर देश के अग्रणी क्षेत्रों में गिना जाएगा।

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