जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज

मुंबई में बुधवार रात जेट एयरवेज(Jet Airways) के पूर्व चेयरमैन और संस्थापक नरेश गोयल(Naresh Goyal) के घर प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने छापा मारा।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 05 Mar 2020 07:57 AM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2020 09:24 AM (IST)
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज
जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज

राज्य ब्यूरो, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई बुधवार को दिनभर नरेश गोयल के मुंबई स्थित ठिकानों पर तलाशी अभियान के बाद की है।प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के अनुसार, पिछले दिनों मुंबई पुलिस द्वारा नरेश गोयल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके विरुद्ध पीएमएलए के तहत मामला दर्ज करने का निर्णय किया।

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने बुधवार को गोयल के ठिकानों पर छापेमारी के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी की थी। मुंबई पुलिस ने गोयल के खिलाफ प्राथमिकी मुंबई की ही एक ट्रैवल कंपनी के साथ नरेश गोयल द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामले में दर्ज की थी। इससे पहले पिछले वर्ष सितंबर में गोयल से विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत भी पूछताछ की जा चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि नरेश गोयल की कुल 19 निजी कंपनियां थीं। इनमें से पांच विदेश में पंजीकृत हैं।

प्रवर्तन निदेशालय उनकी इन्हीं कंपनियों के बीच संदिग्ध लेन-देन की जांच कर रहा है। निदेशालय को शक है कि इन कंपनियों के बड़े फर्जी खर्च दिखाकर नरेश गोयल ने कंपनी में जानबूझकर घाटे की स्थिति पैदा की ।बता दें कि नरेश गोयल की जेट एयरवेज ने पिछले साल अप्रैल में अपनी उड़ानें बंद करने की घोषणा कर दी थी और करीब एक माह पहले उन्होंने जेट एयरवेज के चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया था।

पिछले साल सितंबर में गोयल से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने 2019 की शुरुआत में आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी, अबू धाबी के एवहद एयरवेज ने एक हिस्सेदारी के लिए $150 मिलियन का निवेश करने के बाद विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के कथित प्रावधानों का उल्लंघन किया था। जेट में, एक सहायक के रूप में 2012 में गठित एक वफादारी और पुरस्कार प्रबंधन कंपनी।

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