सजा में नरमी चाहते हैं 7/11 के दोषी

नौ साल पहले मुंबई की लोकल ट्रेनों में सीरियल धमाकों के लिए दोषी ठहराए गए सभी 12 लोगों ने मानवीय आधार पर सजा में नरमी की अपील की है। 11 जुलाई, 2006 को हुए इन धमाकों में 188 लोग मारे गए थे। मकोका कोर्ट के जज वाईडी शिंदे ने बीते

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2015 05:22 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2015 07:09 AM (IST)
सजा में नरमी चाहते हैं 7/11 के दोषी

मुंबई। नौ साल पहले मुंबई की लोकल ट्रेनों में सीरियल धमाकों के लिए दोषी ठहराए गए सभी 12 लोगों ने मानवीय आधार पर सजा में नरमी की अपील की है। 11 जुलाई, 2006 को हुए इन धमाकों में 188 लोग मारे गए थे। मकोका कोर्ट के जज वाईडी शिंदे ने बीते शुक्रवार को इन लोगों को दोषी करार दिया था जबकि एक आरोपी अब्दुल वाहिद शेख को बरी कर दिया था।

जज शिंदे ने सोमवार को सभी दोषियों को बारी-बारी अपने सामने पेश होने और सजा के संबंध में बयान दर्ज कराने को कहा। सभी 12 दोषियों ने लिखित बयान में कहा कि ऐसी परिस्थितियां हैं जो बताती हैं कि उनमें सुधार आया है और इसलिए उनके प्रति नरमी बरती जाए। दोषियों के बयान दर्ज होने के बाद उनके वकील और अभियोजन पक्ष के वकील के बीच सजा को लेकर मंगलवार को जिरह होगी।

दोषी कमाल अंसारी ने कहा कि उसके छोटे बच्चे हैं जिनकी देखभाल करनी है। पेशे से डॉक्टर एक अन्य दोषी तनवीर अहमद ने कहा कि गरीबों की सेवा के लिए उसने यह पेशा चुना और जरूरतमंदों की सेवा करना चाहता है। उसने कहा कि उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। दोषी मुहम्मद फैजल शेख ने कहा कि पिछले तीन साल से उसे ब्रेन ट्यूमर है और रीढ़ की हड्डी से संबंधित बीमारी है। उसने कहा कि उसके माता-पिता वृद्ध हैं और उनकी देखरेख करने वाला कोई नही है। एहतेशाम सिद्दीकी ने कहा कि वह गरीब परिवार से आता है। जेल जाने के बाद उसके परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं है।

एक अन्य दोषी मुहम्मद माजिद शफी ने कोर्ट से कहा कि उसका पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उसके परिवार में सभी बीमारी से पीडि़त हैं। पत्नी को गुर्दे और गठिया की बीमारी है। शेख आलम शेख ने कहा कि उसके माता-पिता बुजुर्ग और असक्षम हैं। पुलिस ने उसे झूठे मामले में फंसाया है। मुहम्मद साजिद अंसारी ने कहा कि वह 2006 के मालेगांव विस्फोट के आरोपियों की तरह निर्दोष है। एटीएस ने उसे फंसाया है। दोषी मुजम्मिल शेख ने कहा कि वह निर्दोष है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। उसके माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सोहेल महमूद शेख ने कहा कि वह रीढ़ की हड्डी की बीमारी का और एक्यूप्रेशर से रोग का इलाज करता है। वह जेल में लोगों की मदद कर रहा है। जमीर शेख ने वह 75 साल के अपने बीमार पिता को व्यवसाय में मदद करता है। अंग्रेजी में बयान दर्ज कराने वाले एकमात्र दोषी नवीद हुसैन ने कहा कि वह मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता है। वह कानून को मानने वाला है और दुर्भाग्यवश दोषी करार दिया गया। आसिफ खान ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले वह अपने परिवार में अकेला कमाने वाला व्यक्ति था। अब परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और इलाज के अभाव में पिता की कैंसर से मौत हो गई।

7/11 मुंबई ब्लास्ट: कोर्ट ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया

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