पुतिन की जमकर आलोचना करता है ISIS-खुरासान आतंकी समूह, 2 सालों से रूस था टारगेट; इन तीन देशों पर कर चुका है हमला

रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow Attack) के क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल में हुए हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएस खुरासान का हाथ था। इस हमले में कम से कम 60 मारे गए और 145 लोग घायल हुए है । इस्लामिक स्टेट खुरासान की स्थापना 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा की गई थी। समूह ने 2021 तक अपने सेनानियों की संख्या लगभग 2000 तक कर दी थी।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi Avinash Publish:Sat, 23 Mar 2024 11:36 AM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2024 11:36 AM (IST)
पुतिन की जमकर आलोचना करता है ISIS-खुरासान आतंकी समूह, 2 सालों से रूस था टारगेट; इन तीन देशों पर कर चुका है हमला
पुतिन की जमकर आलोचना करता है ISIS-खुरासान आतंकी समूह (Image: AFP)

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। Moscow Attack: 22 मार्च की रात रूस की राजधानी मॉस्को बम और गोलीबारी से दहल उठा। क्रोकस सिटी हॉल कॉन्सर्ट स्थल में हुए हमले में चारों तरफ केवल आग धधक रही थी। गोलीयों की आवाज के बीच डरे हुए स्थानीय लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। इस हमले में कम से कम 60 मारे गए और 145 लोग घायल हुए है।

इन बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) खुरासान का हाथ है। व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है। दरअसल, हमले के कुछ ही घंटों बाद इस्लामिक स्टेट खुरासान ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। बता दें कि यह समूह अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत या आईएसआईएस-के ( ISIS-K) है। आखिर क्यों आईएसआईएस-के ने इस हमले को अंजाम दिया और क्या है यह आतंकवादी समूह? वहीं, यह कैसे संचालित होता है? आइये यहां सब जानें।

ISIS-K/आईएसआईएस-के कब आया? 

ISIS-K आतंकवादी समूह की स्थापना 2015 में पाकिस्तानी तालिबान के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा की गई थी। अमेरिकी हवाई हमलें और अफगान कमांडो की छापेमारी के कारण इस समूह के कई नेता मारे गए। इस दौरान समूह ने 2021 तक अपने सैनिकों की संख्या लगभग 1,500 से 2,000 तक कर दिया था। 2021 में ही अफगानिस्तान की सरकार गिर गई और तालिबान ने यहां कब्जा कर लिया।

अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान को बनाया है अपना शिकार

इस दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी होने लगी। इसी समय आईएसआईएस-के ने अगस्त 2021 में काबुल में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आत्मघाती बम विस्फोट किया, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 170 से अधिक नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले के बाद आईएसआईएस-के अंतरराष्ट्रीय विषय बन गया।

तालिबान अफगानिस्तान में ISIS-K के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ रहा है। अब तक, तालिबान की सुरक्षा सेवाओं ने समूह को क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए कई कड़े कदम उठाए है। पूर्व तालिबान लड़ाकों को बड़ी संख्या में भर्ती करने से भी रोका है।

6 माह के भीतर बिना किसी चेतावनी के हमले कर सकता है 

अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल ई. कुरिल्ला ने गुरुवार को एक हाउस कमेटी को बताया कि आईएसआईएस-के छह महीने से भी कम समय में विदेशों में अमेरिकी और पश्चिमी हितों पर बिना चेतावनी के हमला करने की क्षमता और इच्छा रखता है।

जनवरी में अपने आधिकारिक टेलीग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में, आईएसआईएस-के ने कहा कि उसके समूह ने ईरान के करमान में बम हमला किया था जिसमें 84 लोगों की मौत हो गई थी। आईएसआईएस-के ने ईरान में हुए पिछले कई हमलों की जिम्मेदारी ली है और अब इस समूह ने मॉस्को में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है।

पुतिन की जमकर करते है आलोचना

न्यूयॉर्क स्थित सुरक्षा परामर्श फर्म सौफान ग्रुप के आतंकवाद विरोधी विश्लेषक कॉलिन पी. क्लार्क ने बताया कि आईएसआईएस-के पिछले दो सालों से रूस को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। यह समूह अक्सर अपने प्रचार में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर वी. पुतिन की आलोचना करता है। आईएसआईएस-के अफगानिस्तान, चेचन्या और सीरिया में मॉस्को के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए क्रेमलिन पर मुस्लिमों का खून होने का आरोप लगाता रहा है। 

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