सुकमा मुठभेड़: पांच घंटे तक डटे रहे जवान, मारे गए 20 से अधिक नक्‍सली

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने रविवार दोपहर घात लगाकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोल दिया था, जिसमें दो जवान शहीद हो गए।

By Pratibha KumariEdited By: Publish:Mon, 19 Feb 2018 12:01 PM (IST) Updated:Mon, 19 Feb 2018 01:58 PM (IST)
सुकमा मुठभेड़: पांच घंटे तक डटे रहे जवान, मारे गए 20 से अधिक नक्‍सली
सुकमा मुठभेड़: पांच घंटे तक डटे रहे जवान, मारे गए 20 से अधिक नक्‍सली

रायपुर, एएनआइ। छत्‍तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में 20 से अधिक नक्‍सली मारे गए। इस बात की जानकारी नक्‍सल विरोधी अ‍भियान के विशेष महानिदेशक डी एम अवस्‍थी ने आज दी। उन्‍होंने बताया कि रविवार को करीब पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने नक्‍सलियों को मुं‍हतोड़ जवाब दिया था।

अवस्‍थी ने कहा कि नक्‍सलियों की तरफ से हमारे सुरक्षा बलों ने भारी गोलीबारी का सामना किया, जिसमें हमारे दो जवान शहीद भी हो गए। हालांकि हमने भी उनके हमले का मुंहतोड जवाब दिया। गोलीबारी में 20 से अधिक नक्‍सली ढेर हो गए।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने रविवार दोपहर घात लगाकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला बोल दिया था, जिसमें दो जवान शहीद हो गए। नक्सलियों ने यह हमला चिंतागुफा से भेज्जी सड़क का निर्माण रोकने के लिए किया था। हमले में कई जवान घायल भी हो गए हैं, जिनमें कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे दस वाहनों के डीजल टैंक को तोड़कर उन्हें आग के हवाले भी कर दिया।

वहीं हमले के बाद नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे एक मुंशी और एक मजदूर की भी हत्या कर दी। नक्सली यहां सड़क निर्माण रोकने के लिए कई बार धमकी देने के साथ ही हमले भी कर चुके हैं। मौके से तीन श्रमिकों के अपहरण की भी सूचना है। नक्सली हमलों की वजह से यह सड़क लगातार चर्चा में है। इसके बाद भी जवानों की सुरक्षा में निर्माण कार्य लगातार जारी है।

सुकमा में अब तक के बड़े नक्सली हमले
-24 अप्रैल 2017- बुरकापाल के पास सड़क की सुरक्षा में लगे जवानों पर हमला, 25 शहीद
-11 मार्च 2017- भेज्जी के पास पुल निर्माण की सुरक्षा में लगे जवानों पर हमला, 12 शहीद
-12 अप्रैल 2015- पिडमेल गांव के पास एसटीएफ जवानों पर हमला, सात शहीद
- छह अप्रैल 2010- ताड़मेटला में सीआरपीएफ जवानों पर हमला, 76 शहीद
(सभी हमले सड़क निर्माण को रोकने के लिए हुए ) 

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