मोहनलालगंज कांड: महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल

मोहनलालगंज कांड में गार्ड रामसेवक की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। राजफाश पर सवाल खड़े होने के बाद अब महिला की किडनी के मुद्दे ने पुलिस के साथ पोस्टमार्टम करने वाले छह डॉक्टरों की टीम को भी कठघरे में ला दिया है। महिला ने यदि दिवंगत पति को अपनी एक किडनी दी थी तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे

By Edited By: Publish:Wed, 23 Jul 2014 11:01 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jul 2014 11:01 AM (IST)
मोहनलालगंज कांड: महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल

लखनऊ। मोहनलालगंज कांड में गार्ड रामसेवक की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। राजफाश पर सवाल खड़े होने के बाद अब महिला की किडनी के मुद्दे ने पुलिस के साथ पोस्टमार्टम करने वाले छह डॉक्टरों की टीम को भी कठघरे में ला दिया है। महिला ने यदि दिवंगत पति को अपनी एक किडनी दी थी तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी दोनों किडनी सुरक्षित होने का जिक्र कैसे है।

फिलहाल, किडनी मामले की जांच डीआइजी नवनीत सिकेरा को सौंपी गई है, जबकि पीजीआइ प्रशासन ने महिला के पति के किडनी ट्रांसप्लांट के सभी दस्तावेज सील कर दिए हैं। डीआइजी नवनीत सिकेरा ने मंगलवार को बताया कि एडीजी सुतापा सान्याल ने मामले की जांच मुझे सौंपी है। पीएम रिपोर्ट की वीडियो व फोटोग्राफ मौजूद हैं। पीएम रिपोर्ट की वीडियो व फोटो देखने के अलावा पीजीआइ जाकर किडनी डोनेट करने की भी पड़ताल करूंगा।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों किडनी:

पुलिस का दावा है कि घटना अकेले गार्ड रामसेवक ने की और इसके लिए वह मृतका के नाखून और रामसेवक के शरीर के नौ घावों के डीएनए मैच का साक्ष्य दे रही है, लेकिन जब साक्ष्यों के साथ ही छेड़छाड़ हो तो पुलिस के तर्क को कोई कैसे स्वीकार करे। दरअसल, मृतका ने पति को किडनी दान में दी थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी दोनों किडनी दिखाई गयी हैं।

पीजीआइ में आपरेशन करने वाले डाक्टरों से लेकर उसके पिता तक ने किडनी दान देने की बात कही, लेकिन जिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस चाकू के घाव को चाबी का घाव और दुष्कर्म जैसी बातों से इंकार कर रही है, उसका झूठ तो साफ दिख रहा है। यह शक इसलिए पुख्ता हो रहा है कि एडीजी सुतापा सान्याल द्वारा महिला का शव सुरक्षित रखे जाने का दावा किए जाने के बाद देर रात अंत्येष्टि कर दी गई थी। कई और भी सवाल हैं।

पुलिस ने कहा कि रामसेवक ने अजीज नाम के एक व्यक्ति का मोबाइल चुराकर उसके फर्जी सिम को अपने मोबाइल में लगाकर महिला को फंसाया पर अजीज का सिम व मोबाइल दोनों लापता हैं। आशंका है कि पुलिस जिसे अजीज का मोबाइल बता रही है, वह किसी और का तो नहीं है। संभव है कि वह राजीव का ही मोबाइल हो। आखिर पुलिस वह मोबाइल व सिम ढूंढ़ने में गंभीर क्यों नहीं है। मृतका के मोबाइल में भी कुछ ऐसे नंबर फीड हो सकते हैं और कई ऐसे एसएमएस भी हो सकते हैं, जो किसी के चेहरे से पर्दा उठा सकें, लेकिन वह मोबाइल भी नहीं मिल रहा है।

एडीजी सुतापा सान्याल ने दावा तो कर दिया कि महिला ऑटो से मोहनलालगंज तक गई, लेकिन अभी तक पुलिस उसकी तलाश क्यों नहीं कर सकी। जिस तरह साक्ष्यों को गायब किया गया, उससे एक शक यह भी उठ रहा है कि यह किसी बहुत दिमाग वाले आदमी का काम है और एक-एक करके उसने वह सभी सुबूत मिटा दिए, जिनसे असलियत सामने आ सकती थी।

पुलिस के तर्क:

- जिस मोबाइल नंबर से रामसेवक ने बातचीत की उसका लोकेशन।

- अभियुक्त के शरीर पर नाखून के नौ निशान।

- रामसेवक ने कहा कि यह निशान बेल काटते समय लगे, लेकिन परीक्षण में सत्य नहीं।

- अभियुक्त ने 164 के तहत इकबालिया जुर्म किया स्वीकार।

- सबसे बड़ा साक्ष्य महिला के नाखूनों व अभियुक्त के शरीर की सेंपल रिपोर्ट है। नाखून और उसके शरीर का डीएनए मैच।

डीआइजी के जवाब:

- अजीज का मोबाइल व सिम पुलिस को नहीं मिल सके हैं। रामसेवक ने बताया कि उसने सिम को गढ्डे में फेंक दिया। पुलिस मोबाइल खोज रही है।

- मृतका के मोबाइल की भी काफी तलाश हुई, लेकिन अभी यह मिला नहीं।

- रामसेवक के अपने सिम और अजीज की चोरी वाले सिम की लोकेशन एक ही मिली है।

- रामसेवक के पास डबल सिम वाला मोबाइल था। उसने अपने एक सिम को निकालकर पर्स में रख लिया और उसकी जगह चोरी वाला सिम लगा लिया।

- अभी पता नहीं चला कि महिला मोहनलालगंज तक किस ऑटो से गई। -महिला कैसे पूरी तरह निर्वस्त्र हो गई, इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं।

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