हाईवे पर ड्राइविंग की मुश्किलें आसान करेगा 'सुखद यात्रा' ऐप

एनएचएआइ द्वारा तैयार सुखद यात्रा एप की मदद से राजमार्ग पर ड्राइव करने वाला कोई भी व्यक्ति आगे सड़क की स्थिति, टोल प्लाजा की दूरी, स्थान, सुविधाओं, टोल दर, प्रतीक्षा अवधि आदि का पता लगा सकता है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Tue, 06 Mar 2018 07:40 PM (IST) Updated:Tue, 06 Mar 2018 07:40 PM (IST)
हाईवे पर ड्राइविंग की मुश्किलें आसान करेगा 'सुखद यात्रा' ऐप
हाईवे पर ड्राइविंग की मुश्किलें आसान करेगा 'सुखद यात्रा' ऐप

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कितना अच्छा लगेगा जब हाईवे पर मोटर चलाते वक्त आपको पहले से पता होगा कि आगे कहां पर सड़क खराब है और कहां स्पीड कम रखनी है, किस प्लाजा पर कितना टोल देना है और वहां कितना वक्त लगने की संभावना है। 'सुखद यात्रा' ऐप आपकी तमाम मुश्किलें आसान कर देगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को सुखद यात्रा ऐप के साथ-साथ हाईवे इमरजेंसी नंबर 1033 लांच करेंगे। इसके अलावा हर जिले में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने तथा सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले एनजीओ को वित्तीय मदद की योजना का भी शुभारंभ भी गडकरी करेंगे।

एनएचएआइ द्वारा तैयार सुखद यात्रा एप की मदद से राजमार्ग पर ड्राइव करने वाला कोई भी व्यक्ति आगे सड़क की स्थिति, टोल प्लाजा की दूरी, स्थान, सुविधाओं, टोल दर, प्रतीक्षा अवधि आदि का पता लगा सकता है। यही नहीं, वो सड़क के गड्ढे, दुर्घटना आदि के बारे में शिकायत भी दर्ज करा सकता है। और तो और इस ऐप की मदद से फास्टैग की खरीदारी भी संभव है।

टोल फ्री नंबर 1033
टोल फ्री नंबर 1033 डायल कर कोई भी व्यक्ति हाईवे पर दुर्घटना की सूचना आपात सेवाओं को सूचना दे सकता है। इस नंबर को एंबुलेंस तथा वाहन उठाने वाली टो-अवे क्रेन सेवाओं के साथ लोकेशन ट्रैकिंग फीचर से जोड़ा गया है। इस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में बात की जा सकती है।

मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर: केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में कम से कम एक मॉडल मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलेगी। इसके लिए सड़क मंत्रालय की ओर से प्रत्येक सेंटर को 50 लाख रुपये से लेक एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी। यह मदद सेंटर खोलने वाली एजेंसी के स्वयं के निवेश के अनुरूप होगी। इस स्कीम का खाका हर जिले में रोजगार सृजित करने तथा भारी तथा हल्के मोटर वाहनों (एचएमवी और एलएमवी) के प्रशिक्षित ड्राइवरों की कमी दूर करने के मकसद से तैयार किया गया है। ट्रेनिंग सेंटरों में खतरनाक पदार्थों का परिवहन करने वाले ड्राइवरों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। सेंटर खोलने वाली एजेंसियों को जमीन के अलावा बुनियादी ढांचे, टेस्ट ट्रैक, क्लास रूम, सिमुलेटर आदि की व्यवस्था करनी होगी।

सड़क सुरक्षा एनजीओ को मदद
इस स्कीम के तहत सड़क सुरक्षा संबंधी उपायों का प्रचार-प्रसार करने तथा जागरूकता कार्यक्रम चलाने वाले स्वयंसेवी संगठनों/ट्रस्टों/सहकारी समितियों को सरकार की ओर से पांच लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्रत्येक राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों को 5 लाख, 2 लाख और 1 लाख रुपये के तीन पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

chat bot
आपका साथी