जानिए- मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उज्जवला योजना के लिए कहां से मिली प्रेरणा

पीएम मोदी ने वादा किया कि जल्द ही सभी परिवारों तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य पूरा होगा।

By Arti YadavEdited By: Publish:Tue, 29 May 2018 10:02 AM (IST) Updated:Tue, 29 May 2018 11:17 AM (IST)
जानिए- मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उज्जवला योजना के लिए कहां से मिली प्रेरणा
जानिए- मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उज्जवला योजना के लिए कहां से मिली प्रेरणा

नई दिल्ली (प्रेट्र)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पिछले चार साल में दस करोड़ एलपीजी (तरल पेट्रोलियम गैस या रसोई गैस) कनेक्शन बांटे गए हैं। इनमें चार करोड़ कनेक्शन गरीब महिलाओं को मुफ्त में दिए गए, जबकि आजादी के बाद छह दशकों में मात्र 13 करोड़ कनेक्शन ही बांटे गए।

प्रधानमंत्री ने मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'ईदगाह' के बच्चे हामिद का भी जिक्र किया जो मेले से चिमटा खरीदकर लाता है ताकि रोटी सेंकते हुए उसकी दादी के हाथ न जलें। मोदी ने कहा कि अगर छोटा-सा हामिद इस तरह की चिंता कर सकता है तो देश का प्रधानमंत्री क्यों नहीं। इसी कहानी ने उन्हें उज्ज्वला योजना के लिए प्रेरित किया। उन्होंने वादा किया कि जल्द ही सभी परिवारों तक एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य पूरा होगा।

प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के जरिये उज्जवला योजना की लाभार्थी महिलाओं से बातचीत कर रहे थे। अपने बचपन की यादें साझा करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने भी अपनी मां को रसोई में चूल्हे की लकड़ी और गोबर के उपलों से उठने वाले धुंए के साथ संघर्ष करते देखा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में वह स्वच्छ ईंधन को 100 फीसद घरों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मोदी ने कहा, '2014 तक केवल 13 करोड़ एलपीजी कनेक्शन बांटे गए थे। यह भी अधिकतर अमीर या सक्षम लोगों को दिए गए। पिछले चार साल में हमने 10 करोड़ नए एलपीजी (रसोई गैस) कनेक्शन बांटे हैं। वह भी अधिकतर गरीब लोगों को। उज्जवला योजना ने गरीब, हाशिए पर रहने को मजबूर, दलित और आदिवासी समुदाय को मजबूती प्रदान की है। सामाजिक सशक्तिकरण में इस पहल की केंद्रीय भूमिका है।'

पांच करोड़ था शुरुआती लक्ष्य

मई 2016 में शुरू की गई उज्जवला योजना का लक्ष्य अगले तीन साल में पांच करोड़ लोगों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देना था। विशेषकर ऐसी महिलाओं या परिवारों को जो बेहद गरीब हैं। इस साल इस लक्ष्य को संशोधित कर आठ करोड़ कर दिया गया और वक्त को भी दो साल बढ़ा दिया गया। योजना का मकसद लकड़ी और गोबर के उपलों जैसे प्रदूषणकारी ईंधन के उपयोग को कम करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रपट के अनुसार, भारत में हर साल 13 लाख असमय मौतें इसी वजह से होती हैं।

अगले साल तक 80 फीसद का लक्ष्य

प्रधानमंत्री ने कहा कि मार्च 2019 तक भारत अपने 80 फीसद परिवारों में एलपीजी का उपयोग सुनिश्चित करना चाहता है। 2017 में यह 72.8 फीसद था। मोदी ने कहा कि एलपीजी सर्वसुलभ और सबसे साफ ऊर्जा का स्त्रोत है। यह महिलाओं को स्वस्थ जीवनशैली देता है, उनका समय बचाता है और वित्तीय तौर पर उनकी मदद करता है। साथ ही पर्यावरण को बचाने में भी मदद करता है।

45 फीसद कनेक्शन दलितों को

उन्होंने बताया कि उज्जवला योजना के तहत बांटे गए चार करोड़ कनेक्शनों में से करीब 45 फीसद दलितों को दिए गए है। उनकी सरकार दलितों के सशक्तिकरण के लिए मजबूती से खड़ी है। 2014 से अब तक 1,200 पेट्रोल पंपों का आवंटन दलितों को किया गया, जबकि पिछली संप्रग सरकार में 2010 से 2014 के बीच केवल 445 पेट्रोल पंपों का आवंटन ही ऐसे लोगों को किया गया। ठीक इसी प्रकार एलपीजी वितरक का लाइसेंस भी उनके कार्यकाल में 1,300 दलितों को दिया गया है, जबकि पहले के सालों में यह संख्या मात्र 900 थी।

बिचौलिया पैसा मांगे तो मुझे चिट्ठी भेज देना

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार दलालों को हटाने के प्रति गंभीर है। इसलिए लाभार्थियों की सूची को पारदर्शी बनाया गया है। ओडिशा की सुष्मिता से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी कोई बिचौलिया पैसा मांगे तो मत देना तुरंत मुझे चिट्ठी भेज देना।

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