रेल मंत्री के 'मिशन रफ्तार' से बढ़ेगी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों की गति

दो इंजन ट्रेन को अतिरिक्त शक्ति देते हैं जो ट्रेन को रफ्तार पकड़ने और कम करने में सहायता करते हैं इसकी वजह से हर बार जब ट्रेन चलती या रूकती है तो समय का काफी बचत हो जाती है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Tue, 08 Mar 2016 11:42 AM (IST) Updated:Tue, 08 Mar 2016 03:01 PM (IST)
रेल मंत्री के 'मिशन रफ्तार' से बढ़ेगी राजधानी और शताब्दी ट्रेनों की गति

नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु जल्द ही एक नए प्रोजेक्ट मिशन रफ्तार की शुरूआत करने जा रहे हैं जिसके तहत राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए इन ट्रेनों में एक की बजाय दो इंजनों का इस्तेमाल किया जाएगा। जिनमें से पहला इंजन ट्रेन को आगे से खींचेगा वहीं दूसरा इंजन रियर के पास होगा जो ट्रेन की स्पीड बढ़ाने और कम करने के लिए अतिरिक्त बल देगा।

रेल मंत्री का ये नया प्रोजेक्ट मिशन रफ्तार नए तरीके से कम खर्चे में पुरानी ट्रेन की स्पीड बढ़ाने में मदद करेगा। रेलवे बोर्ड के मुताबिक इस उपयोग से राजधानी ट्रेन से मुंबई तक के सफर को एक घंटे तक घटा देगा वहीं हावड़ा राजधानी से यात्रा को करीब 2 घंटे तक घटा देगा।

अजमेर शताब्दी में इस प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया जा चुका है वहीं रेलवे सुरक्षा कमीश्न से अनुमति मिलने के बाद पूरे देश में इसे लागू कर दिया जाएगा। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक दिल्ली से अजमेर के बीच हुए ट्रायल रन में 40 मिनट का अंतर आया।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दो इंजन ट्रेन को अतिरिक्त शक्ति देते हैं जो ट्रेन को रफ्तार पकड़ने और कम करने में सहायता करते हैं इसकी वजह से हर बार जब ट्रेन चलती या रूकती है तो समय का काफी बचत हो जाती है।

उन्होंने ये भी कहा कि ट्रेन में एक की बजाय दो इंजन लगाने से दो पावर कारों को लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी जिसका इस्तेमाल ट्रेन में बिजली मुहैया कराने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि जब दो पावर कार को ट्रेन से हटाया जाएगा तो उसके बदले दो नए कोच को लगाया जा सकता है जिससे रेलवे की आय में वृद्धि होगी।

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