मेघालय ने दी बांग्लादेशियों की नागरिकता पर फैसले को चुनौती

मेघालय ने बांग्लादेशियों की नागरिकता के मुद्दे पर हाई कोर्ट के एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय में अर्जी दायर कर राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को खारिज करने की मांग की है। उप मुख्यमंत्री रावेल लिंग्दोह के अनुसार, 'मेघालय सरकार ने 1971 से पूर्व देश में बसे बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिक म

By Edited By: Publish:Mon, 16 Jun 2014 07:57 PM (IST) Updated:Mon, 16 Jun 2014 11:29 PM (IST)
मेघालय ने दी बांग्लादेशियों की नागरिकता पर फैसले को चुनौती

शिलांग। मेघालय ने बांग्लादेशियों की नागरिकता के मुद्दे पर हाई कोर्ट के एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय में अर्जी दायर कर राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को खारिज करने की मांग की है। उप मुख्यमंत्री रावेल लिंग्दोह के अनुसार, 'मेघालय सरकार ने 1971 से पूर्व देश में बसे बांग्लादेशियों को भारतीय नागरिक मानने और उनके नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।'

लिंग्दोह ने यूडीपी के विधायक टी चाइने के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'रिभोई जिले के उपायुक्त ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ के हाल में दिए फैसले को चुनौती देने के लिए पुनर्समीक्षा याचिका दाखिल की है।' न्यायमूर्ति एसआर सेन की एकल पीठ ने 15 मई के अपने फैसले में आदेश दिया था कि जो भी बांग्लादेशी 24 मार्च, 1971 के पूर्व भारत में बसा हो, उन्हें भारतीय नागरिक माना जाए और मतदाता सूची में उनका नाम पंजीकृत किया जाए। इस तारीख के बाद देश में आने वालों को घुसपैठिया मानते हुए उन्हें उनके मूल वतन प्रत्यर्पित किया जाए।

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