झारखंड के तमाड़ में नक्सलियों ने पांच वाहन फूंके

रांची जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र स्थित सलगाडीह के समीप फोरलेन सड़क का निर्माण करा रही मधुकम कंपनी के पांच वाहनों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 04 Mar 2016 01:32 PM (IST) Updated:Fri, 04 Mar 2016 01:39 PM (IST)
झारखंड के तमाड़ में नक्सलियों ने पांच वाहन फूंके

संवाद सूत्र, तमाड़। रांची जिले के तमाड़ थाना क्षेत्र स्थित सलगाडीह के समीप फोरलेन सड़क का निर्माण करा रही मधुकम कंपनी के पांच वाहनों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया। घटना को गुरुवार की रात लगभग एक बजे उग्रवादियों ने अंजाम दिया। फूंके गए वाहनों में तीन हाइवा, एक बोलेरो व कैंपर बोलेरो शामिल है। साथ ही, वहां कार्यरत 20 कर्मचारियों का मोबाइल छीन लिया और वहां पर पोस्टर भी छोड़ा।


जानकारी के अनुसार, मधुकम कंपनी तमाड़ में फोरलेन सड़क का निर्माण करा रही है। कंपनी ने सलगाडीह में कैंप लगाया हुआ है और वहां पर उनका क्रशर मशीन व स्टोर भी है। यहां से सड़क निर्माण के लिए माल की सप्लाई होती है। गुरुवार की रात 12 से 1 बजे के बीच लगभग 15 नक्सली कंपनी के कैंप में आ धमके। वे तीन मोटरसाइकिल, एक स्कूटी व पैदल आए थे।

आते ही नक्सलियों ने गार्ड कृष्णाचंद महतो को अपने कब्जे में किया। इसके बाद उसका मोबाइल छीन लिया। बाद में नक्सलियों ने गाडिय़ों में आग लगाना शुरू कर दिया। लगभग आधे घंटे तक उत्पात मचाने के बाद नक्सली वहां से चलते बने। इस संबंध में कंपनी के गार्ड कृष्णचंद महतो ने तमाड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।


मामले की छानबीन की जा रही है। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। इस संबंध में किसी भी नक्सली संगठन द्वारा लेवी मांगने की सूचना नहीं है। इस संबंध में कंपनी ने कभी भी कोई शिकायत नहीं की है। जांच के बाद ही कुछ पता चलेगा।
संचमान तमांग, तमाड़ थाना प्रभारी

क्या लिखा है पोस्टर में
नक्सलियों द्वारा घटनास्थल पर तीन पोस्टर छोड़े गए हैं। इनमें पहले पोस्टर में लिखा गया है कि रांची-टाटा रोड का सही काम नहीं हो रहा है। इसलिए संगठन बंद करने का आदेश देता है। दूसरे पोस्टर में लिखा है कि संगठन के आदेश को जो नहीं मानेगा उसका अंजाम बुरा होगा। तीसरे में लिखा है कि इस क्षेत्र का कमांडर मंगल पांडेय व निवेदक पीएलएफआइ।

25 से 30 साल के बीच थे उग्रवादी
सलगाडीह कैंप में उत्पात मचाने वाले सभी नक्सलियों की उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच थी। सभी सादी वर्दी में थे। उनके पास घातक हथियार थे। इस घटना के क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। लोग डरे हुए हैं। क्योंकि, क्षेत्र में पहली बार पीएलएफआइ के नाम से किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है।

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