गर्भवती पत्नी को 1176 किमी दूर स्कूटी से ले जाने वाले मांझी की मदद को बढ़े हाथ, लोगों ने की पेशकश

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कार्यालय द्वारा व्यवहारिक ढंग से मांझी दंपती को घर तक पहुंचाने की पेशकश की गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2020 08:12 PM (IST) Updated:Thu, 03 Sep 2020 08:17 PM (IST)
गर्भवती पत्नी को 1176 किमी दूर स्कूटी से ले जाने वाले मांझी की मदद को बढ़े हाथ, लोगों ने की पेशकश
गर्भवती पत्नी को 1176 किमी दूर स्कूटी से ले जाने वाले मांझी की मदद को बढ़े हाथ, लोगों ने की पेशकश

ग्वालियर, राज्‍य ब्‍यूरो। छह माह की गर्भवती पत्नी को मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की डिलेड (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) की परीक्षा दिलाने झारखंड से ग्वालियर आए धनंजय मांझी की मदद के लिए अब कई हाथ बढ़ने लगे हैं। मांझी दंपती को निजी चार पहिया वाहन और विमान से झारखंड वापस भेजने की पेशकश की गई है। 

खबर का असर, कई लोग मदद के लिए सामने आए  

झारखंड के गोड्डा जिले के गन्टा टोला गांव निवासी इस दंपती का संघर्ष दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार 'नईदुनिया' में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद ग्वालियर के लोग मदद को आगे आए हैं। गर्भवती सोनी हेम्बरम व उनके पति धनंजय कुमार मांझी गुरवार को दिन भर शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं व मीडिया से घिरे रहे। इस दौरान कई सामाजिक, व्यापारिक एवं राजनीतिक संगठनों ने उनकी मदद की पेशकश की।

केंद्रीय मंत्री तोमर की ओर से भी प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के कार्यालय द्वारा व्यवहारिक ढंग से दंपती को घर तक पहुंचाने की पेशकश की गई। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने भी मांझी दंपती को विमान या निजी चार पहिया वाहन से उनके घर तक पहुंचाने की बात कही है। साथ ही जब तक ग्वालियर में हैं तब तक दोनों समय का खाना उपलब्ध कराने की बात भी कही है। झारखंड हृयूमेनिटी फाउंडेशन (जेएचएफ) ने दंपती के लिए पांच हजार रुपये  की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। 

परीक्षा केंद्र पर दिए गए फल

धनंजय व उनकी गर्भवती पत्नी सोनी की मदद करने विभिन्न समाजसेवी परीक्षा केंद्र शासकीय पद्मा कन्या विद्यालय ही पहुंच गए। सोनी तो परीक्षा देने के लिए केंद्र के अंदर चली गई, लेकिन उनके पति दोपहर दो से पांच बजे तक समाजसेवियों से घिरे रहे। धनंजय ने बताया कि कुछ लोग आठ से 10 किलो फल उन्हें दे गए। 

'नईदुनिया' को विशेष धन्यवाद, मदद मिलना तय : धनंजय

धनंजय ने 'नईदुनिया' संवाददाता से बातचीत में बेहद भावुक लहजे में विशेष धन्यवाद दिया। धनंजय ने कहा कि वे जैसे-तैसे झारखंड से ग्वालियर तो आ गए, लेकिन बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसे में पत्नी लौटने से घबरा रही थी, लेकिन अब 'नईदुनिया' की पहल से उन्हें मदद मिलना तय हो गया है।

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