छत्तीसगढ़ में बढ़ा मंडी शुल्क, सरकार द्वारा पेश विधेयक को विधानसभा ने किया पारित

छत्तीसगढ़ में कृषि उपज मंडी में लगने वाला शुल्क एक रुपये बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने कृषक कल्याण शुल्क वसूलने का भी फैसला किया है। कृषि मंत्री चौबे ने कहा- मंडी शुल्क का उपयोग कृषकों के हितों के किया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 11:24 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में बढ़ा मंडी शुल्क, सरकार द्वारा पेश विधेयक को विधानसभा ने किया पारित
कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि मंडी शुल्क का उपयोग कृषकों के हितों के किया जाएगा।

रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में कृषि उपज मंडी में लगने वाला शुल्क एक रुपये बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने कृषक कल्याण शुल्क वसूलने का भी फैसला किया है। इस संबंध में सोमवार को सरकार की तरफ से विधानसभा में संशोधन विधेयक पेश किया गया था, जिसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया।

कृषि मंत्री चौबे ने कहा- मंडी शुल्क का उपयोग कृषकों के हितों के किया जाएगा

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि अभी तक प्रत्येक 100 रुपये पर यह शुल्क न्यूनतम 50 पैसे और अधिकतम दो रुपये था। अब अधिकतम सीमा बढ़ाकर तीन रुपये की गई है। यह शुल्क राज्य या राज्य के बाहर से आने वाली सभी कृषि उपजों पर वसूला जाएगा। मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क का उपयोग मंडी-उप मंडी प्रांगण में अधोसंरचनाओं के निर्माण, सुविधाओं के विकास और कृषकों के हितों के संरक्षण के लिए किया जाएगा।

सरकार ने बढ़ाई कर्ज लेने की सीमा

विधानसभा ने राज्य सरकार के कर्ज लेने की सीमा को दो फीसद बढ़ाने के संशोधन विधेयक को भी पारित कर दिया है। इससे चालू वित्तीय वर्ष में सरकार अपने सकल घरेलू उत्पाद पर पांच फीसद अतिरिक्त कर्ज ले सकेगी। अभी तक यह सीमा तीन फीसद की थी।

केंद्र सरकार ने राज्यों को दो फीसद अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट दी

केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि नहीं दे पा रही है। इस वजह से राज्यों को दो फीसद अतिरिक्त कर्ज लेने की छूट दी गई है। 

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