खुद को मंत्री बता प्रोटोकॉल विभाग को दिया चकमा, 10 दिनों तक गोवा में लेता रहा मजे; गिरफ्तार

मंत्री होने का अभिनय कर फर्जी कागजातों के साथ गोवा के प्रोटोकॉल विभाग को चकमा दे एक शख्‍स ने गोवा में पूरे दस दिन तक छुट्टियों का मजा उठाया। हालांकि राज्‍य क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 02:33 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 02:33 PM (IST)
खुद को मंत्री बता प्रोटोकॉल विभाग को दिया चकमा, 10 दिनों तक गोवा में लेता रहा मजे; गिरफ्तार
खुद को मंत्री बता प्रोटोकॉल विभाग को दिया चकमा, 10 दिनों तक गोवा में लेता रहा मजे; गिरफ्तार

पणजी, आइएएनएस। फर्जी कागजातों के साथ एक शख्‍स ने खुद को उत्‍तर प्रदेश का मंत्री बता गोवा के प्रोटोकॉल विभाग को बेवकूफ बनाया और राज्‍य सरकार का मेहमान बन चार लोगों के साथ पूरे दस दिनों तक छुट्टियों के मजे लिए। अब जाकर आरोपी शख्‍स सुनील सिंह को गोवा क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।

गोवा प्रोटोकॉल विभाग ने मामले को लेकर आंतरिक जांच शुरू कर दी है। ताकि यह पता चल सके कि उत्‍तर प्रदेश का कोऑपरेटिव्‍स मंत्री बन फर्जी शख्‍स किस तरह दस दिनों तक राज्‍य सरकार को धोखा देने में सफल रहा। इस दौरान उसके रहने की व्‍यवस्‍था की गई। साथ ही वाहन की भी सुविधा दी गई। इसके अलावा उसे पुलिस सुरक्षा दिलाई गई और उसने वरिष्‍ठ भाजपा अधिकारियों व मंत्रियों के साथ मुलाकात भी की।

प्रोटोकॉल विभाग के अधिकारी ने यह भी बताया, ‘फर्जी कागजातों के साथ वह गोवा में कम खर्च पर छुट्टियां बिताना चाहता था।’ सुनील सिंह ने अपने दस दिनों के दौरे में गोवा के कोऑपरेटिव्‍स मंत्रियों गोंविंद गौडे (Govind Gaude) और पूर्व कोऑपरेटिव्‍स मंत्री व भाजपा नेता प्रकाश वेलिप (Prakash Velip) से भी मुलाकात की।

गोवा के मुख्‍यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया, ‘प्रोटोकॉल चैनलों के जरिए वह मुझसे को-ऑपरेटिव्‍स मंत्री के तौर पर मिला। लेकिन उसके साथ 10-15 मिनट का समय बिताने के बाद मुझे कुछ खटका। मैंने उसके बारे में जानकारी के लिए गूगल पर सर्च किया पर कुछ हासिल नहीं हुआ।

दक्षिणी गोवा जिले में राज्‍य सरकार के समारोह में भी सिंह शामिल हुए जहां उनकी मुलाकात प्रकाश वेलिप (Velip) से हुई। उन्‍होंने  कहा, ‘उससे सवाल करने का कोई कारण नहीं था क्‍योंकि वह प्रोटोकॉल विभाग के जरिए मेरे पास आया था।’

मुख्‍यमंत्री सावंत ने अब मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि यह पता चल सके कि प्रोटोकॉल डिपार्टमेंट कैसे ऐसे धोखेबाज के चक्‍कर में आ गया। उन्‍होंने बताया, ‘मैंने जांच के आदेश दे दिए हैं। सभी कागजातों को एकत्रित किया जा रहा है।

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