'अलीबाग से आया है क्या' को बैन करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील

याचिका के मुताबिक इस वाक्य का इस्तेमाल महाराष्ट्र में आमतौर पर लोगों को बेवकूफ या अनुभवहीन बताने के लिए किया जाता है। इस जनहित याचिका को अलीबाग में रहने वाले राजेंद्र ठाकुर ने दायर किया है। राजेंद्र पूर्व कांग्रेस विधायक मधुकर ठाकुर के बेटे हैं।

By Gaurav TiwariEdited By: Publish:Fri, 22 Mar 2019 05:57 PM (IST) Updated:Fri, 22 Mar 2019 05:57 PM (IST)
'अलीबाग से आया है क्या' को बैन करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील
'अलीबाग से आया है क्या' को बैन करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील

मुंबई, पीटीआई। महाराष्ट्र में रहने वाले अलीबाग के निवासी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से 'अलीबाग से आया है क्या?' के चर्चित वाक्य को अपमानजनक बताते हुए बैन करने की मांग की है। इस वाक्य का सीधा मतलब होता है - 'क्या आप मूर्ख हो?'। याचिका के मुताबिक, इस वाक्य का इस्तेमाल महाराष्ट्र में आमतौर पर लोगों को 'बेवकूफ' या 'अनुभवहीन' बताने के लिए किया जाता है। इस जनहित याचिका को अलीबाग में रहने वाले राजेंद्र ठाकुर ने दायर किया है। राजेंद्र पूर्व कांग्रेस विधायक मधुकर ठाकुर के बेटे हैं। ठाकुर का कहना है कि ये कहावात 'अनुचित' और 'अपमानजनक' है जो कि अलीबाग के लोगों को अनपढ़ बताने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अलीबाग महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में बसा एक तटीय शहर है। याचिकाकर्ता के मुताबिक अलीबाग एक अच्छा और बड़ा पर्यटन स्थल है। यहां कई अच्छे स्कूल हैं और इसकी साक्षरतादर भी अधिक है। इसके अलावा अलीबाग का अपना इतिहास और संस्कृति भी है।

इस याचिका का उल्लेख इस सप्ताह के शुरू में मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटिल और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की पीठ ने किया था। दो सप्ताह बाद सुनवाई शुरू होने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि अलीबाग को प्राकृतिक सुंदरता के साथ प्रकृति ने नवाजा है। इतिहास, संस्कृति, उद्योग, पर्यटन, चिकित्सा सुविधाओं, प्रकृति और शिक्षा से भरपूर ऐसी समृद्ध पृष्ठभूमि होने के बावजूद, अलीबाग के लोगों को 'अनपढ़' कहकर उपहास करना बेहद आपत्तिजनक है। ऐसा वही करते हैं जिनके पास कॉमन सेंस का अभाव है। जब भी याचिकाकर्ता इस वाक्य को सुनता है तब-तब वह आहत होता है। यह कहावत याचिकाकर्ता पर प्रत्येक बार नकारात्मक प्रभाव डालती है।

ठाकुर ने अदालत से आग्रह किया है कि राज्य अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे इस कहावत का उपयोग करने से बचें। उन्होंने अदालत से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है कि फिल्में, टीवी धारावाहिक आदि, जिसमें इस कहावत को इस्तेमाल किया गया है, उन्हें सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट न दे।

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