महाराष्ट्र में किसानों को बड़ी राहत, माफ हुआ डेढ़ लाख तक का कर्ज

फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के 34 हजार करोड़ रुपये के कर्जमाफी का फैसला किया है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Sat, 24 Jun 2017 04:36 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jun 2017 06:36 PM (IST)
महाराष्ट्र में किसानों को बड़ी राहत, माफ हुआ डेढ़ लाख तक का कर्ज
महाराष्ट्र में किसानों को बड़ी राहत, माफ हुआ डेढ़ लाख तक का कर्ज

राज्य ब्यूरो, मुंबई । महाराष्ट्र सरकार ने सूबे के किसानों का डेढ़ लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। इससे सरकारी खजाने पर 34,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसका लाभ करीब 89 लाख किसानों को मिलेगा। शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि हम डेढ़ लाख रुपये तक पूरा कर्ज माफ करने जा रहे हैं।

इसके अलावा जो किसान अपने कर्ज की किस्त नियमित भरते रहे हैं, उनके कुल ऋण का 25 फीसद भी सरकार अनुदान के रूप में देगी। लेकिन, इसकी अधिकतम सीमा 25,000 ही होगी। यह अनुदान राशि सीधे किसान के बैंक खाते में जमा की जाएगी। मुख्यमंत्री के अनुसार, सूबे के 90 फीसद किसानों को इस कर्जमाफी योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना लागू होने के बाद बैंकों में जमानत के तौर पर जमा करीब 40 लाख किसानों के खेतों के कागजात वापस मिल जाएंगे। सरकार ने इस योजना को 'छत्रपति शिवाजी महाराज कृषि सम्मान योजना' नाम दिया है।

बता दें कि जून के प्रथम सप्ताह में सूबे के किसानों ने राज्यव्यापी हड़ताल शुरू कर दी थी। यह हड़ताल किसानों को कर्जमाफी देने के आश्वासन के बाद ही समाप्त हुई थी। लेकिन तब सरकार ने सिर्फ एक लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। अब सरकार ने डेढ़ लाख रुपये माफ करने की घोषणा की है। मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, नौकरशाहों, करदाताओं एवं वैट भरनेवाले व्यापारियों के कर्ज माफ नहीं किए जाएंगे। भाजपा के विधायकों एवं मंत्रियों को अपने एक माह का वेतन इस योजना में देने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया है।

फड़नवीस ने अपने निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस योजना से राज्य की अर्थव्यवस्था पर बड़ा बोझ पड़ेगा। राज्य पर पहले से 3.56 लाख करोड़ का बड़ा कर्ज है। इस कर्जमाफी योजना के लिए भी सरकार बैंकों से ऋण लेगी। सरकार दूसरे विभागों के खर्च में कटौती कर इस कर्ज की भरपाई करेगी। फड़नवीस ने कहा कि किसान संपूर्ण ऋणमाफी की मांग कर रहे हैं। लेकिन हम 34,000 करोड़ रुपयों से अधिक का बोझ उठाने की स्थिति में नहीं हैं। 
 

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