वादा किया था बेटे के जन्मदिन पर आने का आया तिरंगे में लिपटा शव

संदीप जाधव गुरुवार को जम्मू और कश्मीर में मारे गए दो सैनिकों में से एक हैं। शुक्रवार को इनके बेटे का पहला जन्मदिन था और इसी दिन इनका अंतिम संस्कार भी किया जा रहा था।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Sat, 24 Jun 2017 04:36 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jun 2017 05:35 PM (IST)
वादा किया था बेटे के जन्मदिन पर आने का आया तिरंगे में लिपटा शव
वादा किया था बेटे के जन्मदिन पर आने का आया तिरंगे में लिपटा शव

पुणे (प्रेट्र)। महाराष्ट्र के लाल शहीद संदीप जाधव का परिवार शोक में डूबा हुआ है। एक तरफ अंतिम यात्रा निकल रही थी तो वहीं दूसरी तरफ शहीद के बेटे का पहला जन्मदिन था। संदीप जाधव गुरुवार को जम्मू और कश्मीर में मारे गए दो सैनिकों में से एक हैं। शुक्रवार को इनके बेटे का पहला जन्मदिन था और इसी दिन इनका अंतिम संस्कार भी किया जा रहा था। लेकिन बेटे शिवम के चेहरे पर अपने बर्थडे के दिन पर कोई मुस्कुराहट नहीं थी, केवल आँखों से आंसू बह रहे थे, क्योंकि उनके पिता के नश्वर शरीर को केंद्रीय महाराष्ट्र के सिलोद तालुक केलगांव में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा रहा था।

15 मराठा लाइट इन्फैन्ट्री के जवान 34 वर्षीय संदीप जाधव की दो दिन पहले लगभग 230 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी सेनाओं के एक दल ने पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) में 600 मीटर की दूरी पर घुसकर एक हमले में हत्या कर दी। 

इस हमले में कोल्हापुर के 24 वर्षीय सिपाही श्रवण माने भी मारे गए। संदीप जाधव की अंतिम यात्रा में लगभग हजारों लोग थे और सभी की आंखों में आंसू थे। इस दौरान लोगों ने बड़ी संख्या में 'संदीप जाधव अमर रहे' और 'जब तक सूरज चांद रहेगा, संदीप तेरा नाम रहेगा' जैसे नारे लगाए। जाधव की मौत की खबर से पूरा सिल्लोड़ शोक में है। जाधव ने अपने परिवार से वादा किया था कि वह शिवम के पहले जन्मदिन समारोह पर घर पर होंगे, लेकिन इसके उलट वह एक तिरंगे लिपटे ताबूत में लौटे और अपने परिवार, दोस्तों को गहरा सदमा दे गए।

जाधव अपने पीछे एक वर्षीय शिवम के अलावा अपनी पत्नी, एक तीन साल की बेटी, माता-पिता और एक भाई को छोड़ गए हैं। जाधव की अंतिम यात्रा में सिल्लोड के कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार, महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

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