छात्र को एजुकेशन लोन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने नेशनलाइज बैंक को लगाई फटकार

मद्रास हाईकोर्ट ने इंडियन बैंक की एक शाखा को एजुकेशन लोन नहीं देने पर जमकर फटकार लगाई।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Sat, 30 Jun 2018 12:32 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jun 2018 01:59 PM (IST)
छात्र को एजुकेशन लोन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने नेशनलाइज बैंक को लगाई फटकार
छात्र को एजुकेशन लोन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने नेशनलाइज बैंक को लगाई फटकार

चेन्नई (प्रेट्र)। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के एक राष्ट्रीयकृत बैंक को नोटिस जारी किया है। दरअसल इंडियन बैंक के अरानी शाखा ने तमिलनाडु के सिद्धा मेडिकल कॉलेज के एक छात्र को इस आधार पर एजुकेशन लोन देने से मना कर दिया था कि कॉलेज संस्थान का कोई प्लेसमेंट रिकॉर्ड नहीं है तो वे उन्हें बिना गारंटी के लोन नहीं दे सकते हैं।

जब पीड़ित छात्र एस नवीन की तरफ से कल यानि शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई तो जस्टिस एस वैद्यनाथ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंडियन बैंक की अरानी शाखा के द्वारा दिए गए तुच्छ कारणों के चलते छात्र का भविष्य अधर में है। नोटिस जारी करते हुए जज ने कहा कि बैंक अधिकारी जिन्होंने ऋण देने से इनकार कर दिया, उनके ऊपर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि आगे से बैंक संशोधित आईबीए मॉडल एजुकेशनल लोन स्कीम, 2015 के तहत कार्य करे।

हालांकि जब बैंक अधिकारी ने याचिकाकर्ता के एजुकेशन लोन संबंधित आवेदन पर विचार करने का कहकर कोर्ट में उपक्रम (अंडरटेकिंग) पेश किया तो जज ने 1 लाख रुपये के जुर्माने की राशि पर रोक लगा दी। 

क्या था मामला-
याचिकाकर्ता के द्वारा कोर्ट में जमा किए आवेदन के अनुसार, उसने 2014-15 शैक्षणिक सत्र में स्टेट बोर्ड की परीक्षा में 1,017 नंबर प्राप्त किए हैं और श्री साइं राम सिद्धा मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में दाखिला लिया है। उसने लिखा कि इस कॉलेज में दाखिला लेने के लिए उसने शुरुआती एडमिशन फीस के लिए किसी से पैसे उधार लेकर कॉलेज में भुगतान किया था।

लेकिन आगे की फीस के भुगतान के लिए उसके पास पैसे नहीं थे जिसके लिए उसने 2016 में एक बैंक में लोन के लिए आवेदन दिया, लेकिन उसके आवेदन को इस आधार पर बैंक ने खारिज कर दिया कि उसके कॉलेज में अब तक छात्रों के प्लेसमेंट का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और बैंक को एजुकेशन लोन देने के लिए निर्देश देने की अपील की।

इस मामले की सुनवाई के दौरान, जज ने कहा कि कोर्ट की नजर में यदि याचिकाकर्ता बैंक के द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों पर खरा उतरता है तो उसके लोन के अनुरोध को स्वीकार कर लिया जाना चाहिए।

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