मध्य प्रदेश: PPE किट के डिस्पोजल में लापारवाही, भरना होगा 1 करोड़ रुपये प्रतिमाह जुर्माना
एनजीटी ने पीपीई किट के डिस्पोजल में लापारवाही बरतने पर 1 करोड़ रुपये प्रतिमाह का जुर्माना भरने का आदेश दिया है।
जबलपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर की जनहित याचिका पर सख्त आदेश पारित किया है। इसके तहत मध्य प्रदेश शासन व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को कोरोना काल में मास्क व पीपीई किट के डिस्पोजल के संबंध में पर्याप्त गंभीरता बरतने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। यदि लापरवाही सामने आई को राज्य शासन को एक करोड़ रुपये प्रतिमाह जुर्माना भरना होगा।
एनजीटी ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि मध्य प्रदेश शासन व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल बायो मेडिकल अपशिष्ट नियम-2016 का कठोरता के साथ पालन सुनिश्चित करें। मध्य प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की जिम्मेदारी है कि वह जुर्माना लगाकर वसूलने की कार्रवाई में कोताही न बरते।
2009 में दायर की थी जनहित याचिका
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि 2009 में उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। वही जनहित याचिका एनजीटी स्थानांतरित हो गई थी। एनजीटी ने सात अगस्त को अधिवक्ता प्रभात यादव सहित अन्य के तर्क सुने। सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे अब सार्वजनिक किया गया है।
25 फीसद अस्पताल बरत रहे लापरवाही
जनहित याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश जारी किए गए थे। इसके बावजूद जबलपुर सहित प्रदेशभर के 25 फीसद अस्पताल लापरवाही बरत रहे हैं। मेडिकल वेस्ट जहां-तहां फेंक दिया जाता है। इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। एनजीटी ने इस बिंदु को गंभीरता से लेकर आगामी दो माह में स्थिति सुधारने के निर्देश दिए। ऐसा न होने पर एक करोड़ प्रतिमाह जुर्माना भरना होगा।