Video: जय जगन्नाथ रथ यात्रा; कड़ी सुरक्षा व बारिश के बीच भाई, बहन संग गुंडिचा मंदिर पहुंचे महाप्रभु

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पुरी पहुंचे है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 08:23 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 05:43 PM (IST)
Video: जय जगन्नाथ रथ यात्रा; कड़ी सुरक्षा व बारिश के बीच भाई, बहन संग गुंडिचा मंदिर पहुंचे महाप्रभु
Video: जय जगन्नाथ रथ यात्रा; कड़ी सुरक्षा व बारिश के बीच भाई, बहन संग गुंडिचा मंदिर पहुंचे महाप्रभु

भुवनेश्वर, जेएनएन/एएनआइ। जय जगन्नाथ के जयघोष के साथ पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ जी की नौ दिवसीय विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा शुरू हो गई है। बारिश के बावजूद लाखों की संख्या में भक्तों का जमावड़ा महाप्रभु के इस यात्रा का साक्षी बना। 'जय जगन्नाथ नयन पथगामी भव तुमे' बस चारों ओर यही गुंजायमान हो रहा था। पूरा श्रीक्षेत्र भक्तिमय हो गया। ढोल नगाड़े के साथ पारंपरिक वाद्ययंत्र पर नृत्यगीत करते झूमते हुए भक्त इस यात्रा में शामिल हुए। कड़ी सुरक्षा के बीच एक के बाद एक तीनों रथों को खींचकर रत्न वेदी से जन्म वेदी अर्थात गुंडिचा मंदिर तक पहुंचाया गया।

देखें वीडियो

#JagannathRathYatra begins in Puri in presence of thousands of devotees. #Odisha pic.twitter.com/KTSt8jr0Vu

— ANI (@ANI) July 4, 2019

सबके कल्याण की कामना
ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ कई मंत्री, सांसद, ओडिशा हाईकोर्ट के कुछ न्यायाधीश के साथ कई गणमान्य व्यक्तियों ने विशेष श्रीक्षेत्र धाम पहुंचकर रथ पर विराजमान महाप्रभु का दर्शन करते हुए राज्य, देश एवं विश्व के कल्याण की कामना की है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रथ यात्रा के दौरान चारों तरफ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जमीन से लेकर आकाश एवं समुद्र मार्ग पर पुलिस की पैनी नजर रही।

शंकराचार्य ने किए विग्रहों के दर्शन
चतुर्धा मूर्ति रथ पर विराजमान होने के बाद जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने तीनों रथ पर जाकर महाप्रभु के साथ श्री विग्रहों के दर्शन किया। इसके बाद गजपति महाराज दिव्य¨सहदेव ने रथ पर पहुंचकर छेरा पंहरा अर्थात रथ पर सोने के झाड़ू से बुहार किया। इसके बाद रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई।

सुबह ही शुरू हो गई विग्रहों की पूजा
इससे पहले सुबह 8:30 बजे विग्रहों की पूजा शुरू की गई। इसके बाद सुदर्शन जी को रथ पर विराजमान किया गया। इसके बाद महाप्रभु के बड़े भाई बलभद्र जी एवं बहन सुभद्रा और सबसे अंत में श्री जगन्नाथ जी को रथ पर विराजमान किया गया। तीनों रथों में घोड़ा एवं सारथी लगाए जाने के बाद रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू की गई।

2.15 बजे रथ खींचने की प्रक्रिया शुरू हुई
प्रभु बलभद्र जी के तालध्वज रथ को 2:15 बजे पर खींचने की प्रक्रिया शुरू की गई और 5:45 बजे प्रभु बलभद्र जी का रथ गुंडिचा मंदिर पहुंच गया। सुभद्रा जी का रथ 2:40 बजे खींचना शुरू किया गया और करीबन 6:10 बजे गुंडिचा मंदिर के सामने रथ पहुंच गया। सबसे अंत में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का रथ को खींचने की प्रक्रिया 3:40 बजे शुरू हुई और 6:45 बजे रथ गुंडिचा मंदिर के सामने पहुंच।

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