कोरोना से उबरने के बाद भी खतरे में है जान, पढ़ें- शोध में सामने आई बातें

मेयो क्लीनिक हेल्थकेयर में भारतीय मूल के वैज्ञानिक संदीप कपूर और उनकी टीम ने दो सौ कोरोना संक्रमित मरीजों पर किए शोध के बाद अपने परिणामों में कई अहम जानकारी दी। शोध में संक्रमण के चार महीने बाद भी बेहोशी मंासपेशियों और सिर में दर्द सांस लेने में दिक्कत दिखी।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 05:03 PM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 05:03 PM (IST)
कोरोना से उबरने के बाद भी खतरे में है जान, पढ़ें- शोध में सामने आई बातें
कोरोना से उबरने के बाद भी खतरे में है जान।

नई दिल्ली, पीटीआइ। ये जरूरी नहीं कि आप युवा और किसी पुराने रोग से ग्रस्त नहीं हैं तो कोरोना वायरस प्रभावित नहीं कर सकता। लंदन में हाल में किए एक शोध में सावधान किए जाने वाली जानकारी मिली है, कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी ऐसे लोगों में चार महीने के बाद Oदय, फेफड़ों, लिवर और आंतों में दिक्कत सामने आई हैं।

मेयो क्लीनिक हेल्थकेयर में भारतीय मूल के वैज्ञानिक संदीप कपूर और उनकी टीम ने दो सौ कोरोना संक्रमित मरीजों पर किए शोध के बाद अपने परिणामों में यह जानकारी दी है। शोध 44 साल तक के मरीजों पर किया गया। इन मरीजों में संक्रमण के 105 से 160 दिनों के बाद शरीर के विभिन्न अंगों में ये दिक्कत आने के लक्षण दिखाई दिए।

शोध में संक्रमण के चार महीने बाद भी इनमें बेहोशी, मंासपेशियों और सिर में दर्द, सांस लेने में दिक्कत देखने को मिलीं।

कम खतरे वाले इन लोगों में 70 फीसद पर कोरोना संक्रमण का लंबे समय तक असर देखा गया। इन मरीजों में एक से ज्यादा अंगों में परेशानी देखने को मिलीं। जबकि संक्रमण के दौरान कोई लक्षण नहीं थे या फिर हल्के लक्षण थे।

शोध करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बाद सभी अंगों पर लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभावों पर अभी बहुत सीमित मरीजों अध्ययन किया है। इस पर और शोध किए जाने की आवश्यकता है। ये शोध संकेत देती है कि संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को लंबे समय तक सावधानी रखने की आवश्यकता है।

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