सिख दंगा मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद

दिल्ली कैंट में हुए सिख दंगा मामले में कड़कड़डूमा अदालत ने गुरुवार को तीन दोषियों को उम्रकैद जबकि दंगे में लिप्त होने के मामले में दो दोषियों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई। दोनों को अदालत ने एक माह के लिए जमानत दे दी। इस मामले में अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।

By Edited By: Publish:Thu, 09 May 2013 05:41 PM (IST) Updated:Thu, 09 May 2013 08:54 PM (IST)
सिख दंगा मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। 1984 में दिल्ली कैंट में हुए सिख दंगा मामले में कड़कड़डूमा अदालत ने गुरुवार को तीन दोषियों को उम्रकैद जबकि दंगे में लिप्त होने के मामले में दो दोषियों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई। दोनों को अदालत ने एक माह के लिए जमानत दे दी। इस मामले में अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।

जिला व सत्र न्यायाधीश जेआर आर्यन ने सभी दोषियों को सजा सुनाने के साथ ही उन पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इन पांचों को गत 30 अप्रैल को अदालत ने दोषी ठहराया था। अदालत ने कहा कि तीन दोषियों पूर्व निगम पार्षद बलवान खोखर, कैप्टन भागमल और गिरधारी लाल ने नियोजित सांप्रदायिक दंगा और धार्मिक उन्माद में लिप्त होकर हत्या व दंगा फैलाने का कृत्य किया था। इन तीनों को उम्रकैद की सजा दी गई। अभियोजन ने इनके लिए मृत्युदंड की मांग की थी। वहीं, इस मामले के दो आरोपियों पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई। दोनों को 25-25 हजार के निजी मुचलके पर एक माह के लिए जमानत दे दी गई। गौरतलब है कि 1984 में दिल्ली कैंट के राजनगर में हुए सिख दंगे में एक ही परिवार के पांच सदस्यों केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुविंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। अदालत द्वारा सज्जन कुमार को बरी कर दिए जाने से नाराज सिख संगठन लगातार राजधानी दिल्ली सहित देश के अनेक हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

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