पालघर मामले में साधुओं का केस लड़ रहे वकील की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत, भाजपा और विहिप ने की जांच की मांग

महाराष्‍ट्र के पालघर में साधुओं की हत्‍या का मामला लड़ रहे वकील दिग्विजय त्रिवेदी की बुधवार को संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 14 May 2020 11:54 PM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 07:52 AM (IST)
पालघर मामले में साधुओं का केस लड़ रहे वकील की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत, भाजपा और विहिप ने की जांच की मांग
पालघर मामले में साधुओं का केस लड़ रहे वकील की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत, भाजपा और विहिप ने की जांच की मांग

मुंबई/नई दिल्‍ली, जेएनएन। महाराष्‍ट्र के पालघर में साधुओं की हत्‍या का विहिप की ओर से मामला लड़ रहे वकीलों के सहयोगी की बुधवार को संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई। भाजपा के प्रवक्‍ता संबित पात्रा, भाजपा सांसद विनय सहस्‍त्रबुद्धे और विहिप प्रवक्‍ता विजय शंकर तिवारी व विनोद बंसल ने वकील की मौत पर सवाल उठाए हैं और मामले की जांच की मांग की है। कई लोगों का कहना है कि या तो मामले की सीबीआइ जांच की जाए या फिर मामले की न्‍यायिक जांच की जाए।

मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर हुई मौत

पालघर में मॉब लिंचिंग में साधुओं का केस लड़ रहे वकील के सहयोगी दिग्विजय त्रिवेदी की बुधवार को मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर सड़क हादसे में मौत हो गई। इस दौरान त्रिवेदी कार से दाहनु कोर्ट जा रहे थे। बताया जाता है कि कार दिग्विजय त्रिवेदी चला रहे थे, तभी उनकी कार ने नियंत्रण खो दिया और बाईं ओर कार डिवाइडर से टकरा गई। हादसे के कुछ समय बाद दिग्विजय त्रिवेदी की मौत हो गई, जबकि कार में सवार महिला गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्‍हें नजदीक के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

पालघर में संतो की हत्या मामले में VHP के वकील श्री दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में मृत्यु हो गयी

यह खबर विचलित करने वाली है

क्या ये केवल संयोग है की जिन लोगों ने पालघर मामले को उठाया उनपर या तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया या FIR कराया?

ख़ैर ये जाँच का विषय है!

ॐ शान्ति pic.twitter.com/GGlMhAYEl4 — Sambit Patra (@sambitswaraj) May 14, 2020

विचलित करने वाली खबर 

इस दुर्घटना पर सवाल उठाते हुए भाजपा प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने सवाल उठाया और मामले की जांच की मांग की। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा कि पालघर में संतों की हत्या मामले में विश्व हिंदू परिषद (वि‍हिप) की ओर से वकील दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह खबर विचलित करने वाली है। इस बारे में उन्होंने कहा कि क्या ये केवल संयोग है कि जिन लोगों ने पालघर मामले को उठाया, उन पर या तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया या एफआईआर दर्ज कराई। खैर यह जांच का विषय है।

This is shocking and merits investigation ! I urge @DGPMaharashtra and CM @OfficeofUT to order the same ! https://t.co/KxDnnC6z2o" rel="nofollow — Dr. VINAY Sahasrabuddhe (@vinay1011) May 14, 2020

मामले की जांच हो

भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी जांच की मांग करते हुए ट्वीट किया कि यह चौंकाने वाला है और इसकी जांच होनी चाहिए। मैं महाराष्ट्र के डीजीपी और मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच के आदेश देने के मांग करता हूं।

विश्‍व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्‍ता विजय शंकर तिवारी ने कहा है कि पालघर में संतों के हत्‍याकांड मामले में न्‍यायालय में संतों का पक्ष रखने वाले वकील दिग्विजय त्रिवेदी की कार एक्सिडेंट में असामयिक मृत्‍यू हो गई। हालांकि लोग यह प्रश्‍न उठा रहे है कि कहीं ये साजिश तो नहीं है, इसकी न्‍यायिक जांच होनी चाहिए। 

विहिप प्रवक्‍ता विनोद बंसल ने कहा कि पालघर पूज्‍य संतों की हत्‍या को एक माह बीतने को हैं किंतु मूल हत्‍यारे व षड्यंत्रकारी खुलेआम घूम रहे हैं। 400 पर एफआइआर, सिर्फ चंद गिरफ्तार? सीबीआइ जांच से क्‍यों भाग रही है सरकार? केस से जुड़े वकीलों के सहयोगी की दुखद मौत की भी जांच क्‍यों ना हो?

क्‍या थी पालघर की घटना

16 अप्रैल को मुंबई के कांदीवली स्थित एक आश्रम में रहने वाले सुशील गिरि अपने दो साथियों के साथ किराए की किसी गाड़ी   से किसी व्‍यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे। इस दौरान उनकी गाड़ी महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्से से होकर गुजर रही थी। उनकी गाड़ी को वन विभाग के एक संतरी ने दादरा एवं नगर हवेली की सीमा पर गढ़चिचले गांव के पास रोक दिया। इस क्षेत्र में उसके कुछ दिनों पहले से रात में फसल काटने एवं बच्चा चुराने वाला गिरोह सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थी।

उस रात करीब 10 बजे साधु सुशील गिरि संतरी से बात कर ही रहे थे, तभी गांव का एक दल आ गया। भीड़ में शामिल लोगों ने गाड़ी में मौजूद लोगों की पिटाई शुरू कर दी। संतरी ने घटना की सूचना 35 किलोमीटर दूर स्थित कासा पुलिस थाने को दी। पुलिस के पहुंचने तक ग्रामीण गाड़ी में मौजूद तीनों लोगों की पिटाई कर चुके थे। घटना के समय कुछ लोग इसका वीडियो भी बना रहे थे।

पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर पिट रहे तीनों लोगों को पुलिस की गाड़ी में बैठाया, लेकिन करीब 400 ग्रामीणों ने उन तीन यात्रियों सहित पुलिस टीम पर भी हमला बोल दिया और पुलिस की गाड़ी में ही सुशील गिरि और उनके दो साथियों की जान ले ली। इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैंपुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 101 लोगों को गिरफ्तार किया था और कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। मॉब लिंचिंग की इस घटना ने पूरे देश को वि‍चलित कर दिया था। इस घटना की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत काफी लोगों ने निंदा की थी।     

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