बहुविवाह और हलाला पर भी नहीं विचार करेगा विधि आयोग

आयोग ने मंगलवार को पब्लिक नोटिस जारी कर आम जनता और प्रबुद्धजनों को इन मुद्दों पर राय या विमर्शपत्र न भेजने की अपील की है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 27 Mar 2018 10:01 PM (IST) Updated:Tue, 27 Mar 2018 10:01 PM (IST)
बहुविवाह और हलाला पर भी नहीं विचार करेगा विधि आयोग
बहुविवाह और हलाला पर भी नहीं विचार करेगा विधि आयोग

माला दीक्षित, नई दिल्ली। एक देश एक कानून के लिए समान नागरिक संहिता पर विचार कर रहा विधि आयोग मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक के अलावा निकाह हलाला, बहुविवाह, मुता और मिस्यार निकाह (निश्चित समय के लिए शादी का करार) के मुद्दे पर भी विचार नहीं करेगा। आयोग ने मंगलवार को पब्लिक नोटिस जारी कर आम जनता और प्रबुद्धजनों को इन मुद्दों पर राय या विमर्शपत्र न भेजने की अपील की है।

मालूम हो कि आयोग ने गत 19 मार्च को अपील जारी कर आम जनता और प्रबुद्धजनों व संगठनों से समान नागरिक संहिता पर विस्तृत राय और विमर्शपत्र भेजने का आग्रह किया था। आयोग ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर विचार विमर्श के लिए लोगों को आयोग में भी बुलाया जा सकता है। उस अपील में आयोग ने साफ किया था कि तीन तलाक के मुद्दे पर विचार नहीं किया जाएगा क्योंकि वो मुद्दा कोर्ट का फैसला आने के फिलहाल संसद में लंबित है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गत सोमवार को मुस्लिमों में प्रचलित निकाह हलाला और बहुविवाह पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं को विचारार्थ स्वीकार करते हुए केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था।

कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद आयोग ने मंगलवार को नयी अपील जारी कर लोगों से इन मुद्दों पर भी राय न भेजने की अपील की है। केन्द्र सरकार के कहने पर आयोग समान नागरिक संहिता पर आजकल विचार कर रहा है। आयोग ने 16 सवालों की प्रश्नावली जारी कर लोगों से समान नागरिक संहिता पर राय मांगी थी। इन सवालों में शुरूआत मे तीन तलाक, हलाला, और बहुविवाह का मुद्दा भी शामिल था। वैसे बताते चलें कि समान नागरिक संहिता में सिर्फ मुस्लिम पर्सनल ला पर ही नही बल्कि हिन्दू पर्सनल ला, क्रिश्चियन पर्सनल ला व अन्य पारिवारिक कानूनों पर भी विचार किया जाएगा।

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