'किसानों की आत्‍महत्‍या के पीछे गरीबी नहीं, अध्‍यात्‍म की कमी बड़ी वजह'

श्री श्री रविशंकर का कहना है कि किसान आत्‍महत्‍या का कदम गरीबी की वजह से नहीं बल्कि उनके जीवन में अध्‍यात्‍म की कमी होने की वजह से उठा रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sat, 29 Apr 2017 02:06 AM (IST) Updated:Sat, 29 Apr 2017 05:59 AM (IST)
'किसानों की आत्‍महत्‍या के पीछे गरीबी नहीं, अध्‍यात्‍म की कमी बड़ी वजह'
'किसानों की आत्‍महत्‍या के पीछे गरीबी नहीं, अध्‍यात्‍म की कमी बड़ी वजह'

मुंबई (पीटीआई)। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्‍थापक और अध्‍यात्‍म गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि अध्‍यात्‍म की कमी की वजह से किसान आत्‍महत्‍या करने का रास्‍ता चुन रहे हैं। उन्‍होंने किसानों की आत्‍महत्‍या के पीछे अध्‍यात्‍म की कमी को सबसे बड़ी वजह बताया है। एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्‍होंने यह बात कही। महाराष्‍ट्र समेत अन्‍य जगहों पर किसानों द्वारा की जा रही आत्‍महत्‍या के संबंध में पूछे गए एक प्रश्‍न के जवाब में अध्‍यात्‍म गुरू ने कहा कि उन्‍होंने विदर्भ के करीब 512 गांवों में पदयात्रा की है। इस आधार पर वह यह कह सकते हैं कि किसानों की आत्‍महत्‍या के पीछे गरीबी एक बड़ी वजह नहीं है, बल्कि उनके अंदर अध्‍यात्‍म की कमी इसकी एक बड़ी वजह है।

न्‍यायिक प्रणाली पर पूरा विश्‍वास

इस दौरान उन्‍होंने अध्‍यात्‍म के क्षेत्र में काम कर रहे सभी लोगों से अपील भी की कि वह किसानों के हितों के लिए आगे आएं। उनका कहना था कि आत्‍महत्‍या के बढ़ते प्रचलन को रोकने के लिए प्राणायाम और योग को बढ़ाना बेहद जरूरी है। यमुना नदी के तट पर पिछले वर्ष किए गए एक सांस्‍कृतिक समारोह पर उठे सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि सत्‍य को छिपाया जा रहा है। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि उन्‍हें देश की न्‍यायिक प्रणाली पर पूरा विश्‍वास है। उन्‍होंने कहा कि कुछ एनजीओ अपने को पॉपुलन बनाने के लिए इस तरह का भ्रम फैला रही हैं कि इस कार्यक्रम के आयोजन से यमुना को नुकसान पहुंचा है।

यमुना तट पर कार्यक्रम में नहीं बरती कोई कौताही

श्री श्री रविशंकर ने कहा कि इस कार्यक्रम में आयोजन के दौरान किसी तरह की कोई कौताही नहीं बरती गई न ही इससे यमुना को कोई नुकसान पहुंचा है। उनका कहना था कि 15 सदस्‍यीय वैज्ञानिकों के एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को कहा भी है। उन्‍होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग हमेशा से ही अपने कर्तव्‍यों और पर्यावरण को बचाने के लिए सजग रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि वह अब तक इस बात को नहीं समझ सके हैं कि इतने बड़े आयोजन में जिसमें पूरी दुनिया से लोग जुटे और जहां पूरी दुनिया के अध्‍यात्‍म से जुड़े लोग शामिल थे वह गलत कैसे हो सकता है।

साेनू निगम से लेकर तिहरे तलाक पर दी राय

पार्श्‍व गायक साेनू निगम द्वारा अजान के दौरान लाउडस्‍पीकर की आवाज को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि धार्मिक स्‍थलों पर लाउडस्‍पीकरों की कोई जरूरत नहीं होती है। जिसको भगवान की पूजा करनी है वह वहां मन से अपनी श्रद्धा से आता है। तिहरे तलाक पर उनका कहना था कि वह फिलहाल इसपर तुरंत पाबंदी लगाने की बात नहीं कर रहे हैं। इसके लिए मुस्लिम लोगों को इसका समाधान खोजने दिया जाना चाहिए, जिसमें सभी के अधिकार सुरक्षित हो सकें।

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