अदाणी पोर्ट पर केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर केरल सरकार और संगठन में मतभेद, मंत्री ने कहा- न करें विरोध

अदाणी पोर्ट पर केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर केरल सरकार और संगठन में मतभेद पैदा हो गया है। राज्य के परिवहन मंत्री राजू ने कहा है कि इसका विरोध नहीं करना चाहिए। वहीं एलडीएफ मंत्री देवरकोविल और कांग्रेस केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ हैं।

By AgencyEdited By: Publish:Sun, 04 Dec 2022 07:02 PM (IST) Updated:Sun, 04 Dec 2022 07:02 PM (IST)
अदाणी पोर्ट पर केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर केरल सरकार और संगठन में मतभेद, मंत्री ने कहा- न करें विरोध
अदाणी पोर्ट पर केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ केरल सरकार और एलडीएफ आमने-सामने

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल हाई कोर्ट में अदाणी समूह की निर्माणाधीन विझिंजम पोर्ट पर केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग पर केरल सरकार और सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी दल कांग्रेस में मतभेद हो गया है। केरल सरकार के इस संबंध में कोर्ट में सहमति का हलफनामा देने के बाद राज्य के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा कि अदाणी समूह की इस मांग का विरोध नहीं करना चाहिए, जबकि सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल तैनात करने की कोई जरूरत नहीं है।

अदाणी समूह ने हाईकोर्ट में की अपील

केरल सरकार के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि निर्माणाधीन साइट पर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अदाणी समूह ने हाई कोर्ट में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अपील की है। फिर उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार विझिंजम बंदरगाह पर केंद्रीय बलों की तैनाती के प्रयास नहीं कर रही है। चूंकि यह काम राज्य सरकार को नहीं करना है, लेकिन राज्य सरकार को अदाणी समूह की इस मांग का विरोध भी नहीं करना चाहिए।

'विरोध प्रदर्शनों का राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं विपक्षी दल'

राजू ने प्रदेश के विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि वह विझिंजम पोर्ट में जारी विरोध-प्रदर्शनों का राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। विपक्ष प्रदर्शन को हाईजैक करना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को आतंकी नहीं कहा है।

'हमें केंद्रीय बलों की मदद लेने की जरूरत नहीं है'

सत्तारूढ़ एलडीएफ के नेता और केरल के बंदरगाह मंत्री अहामेद देवरकोविल का कहना है कि बंदरगाह का निर्माण करा रहे अदाणी समूह को निर्माणस्थल पर कानून-व्यवस्था दिलाने के लिए हमें केंद्रीय बलों की मदद लेने की जरूरत नहीं है। केरल पुलिस ऐसा करने में सक्षम है। वह अदाणी हैं, जिन्हें केंद्रीय बलों की मदद चाहिए, हमें नहीं। हम उन्हें सुरक्षा दे रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि इस विषय पर प्रदर्शनकारियों से भी चर्चा चल रही है। पांच दिसंबर से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। वहीं, कांग्रेस सांसद और केरल के पूर्व अध्यक्ष पीसीसी के. मुरलीधरन ने भी केंद्रीय बलों की तैनाती का विरोध किया है।

विझिंजम पोर्ट पर कामकाज ठप

उल्लेखनीय है कि अदाणी पोर्ट पर मछुआरों के हिंसक प्रदर्शनों के बाद विझिंजम पोर्ट पर कामकाज ठप हो गया है। इसलिए अदाणी समूह ने केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जहां केरल सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्रीय बलों की तैनाती पर कोई आपत्ति नहीं होने का आश्वासन दिया था।

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