जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहदः केरल ने मांगा 2600 करोड़ का विशेष पैकेज

केंद्र सरकार ने मंगलवार को केरल के लिए 600 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इसके साथ ही राहत सामग्रियों को सीमा शुल्क और जीएसटी से मुक्त करने का फैसला लिया है।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 09:48 PM (IST) Updated:Wed, 22 Aug 2018 12:09 AM (IST)
जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहदः केरल ने मांगा 2600 करोड़ का विशेष पैकेज
जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहदः केरल ने मांगा 2600 करोड़ का विशेष पैकेज

तिरुअनंतपुरम [प्रेट्र]। भयंकर बारिश और विनाशकारी बाढ़ के बाद जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में जुटे केरल ने केंद्र से 2600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मांगा है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान राज्य में बाढ़ के कारण 223 लोगों की जान चली गई और 10 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए। केंद्र सरकार ने मंगलवार को केरल के लिए 600 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इसके साथ ही राहत सामग्रियों को सीमा शुल्क और जीएसटी से मुक्त करने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को अपनी एक बैठक में मनरेगा समेत विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के तहत केंद्र से विशेष पैकेज मांगने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदाकारी बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए 30 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। पिछले सौ साल में पहली बार ऐसी विनाशकारी बाढ़ आई है।

मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दो अन्य केंद्रीय मंत्री अब तक 680 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता की घोषणा कर चुके हैं।

विजयन ने कहा कि केरल केंद्र से ऋण की सीमा बढ़ाने के लिए कहेगा जिससे वह बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण कार्य के लिए खुले बाजार से कर्ज हासिल कर सके। राज्य के कुल 14 जिलों में से 13 बाढ़ से तबाह हो गए हैं। लोगों की आंखों में डर समाया हुआ है और बुनियादी ढांचा ध्वस्त हो चुका है। वर्तमान व्यवस्था के तहत केरल अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद का तीन फीसद कर्ज के रूप में ले सकता है। राज्य चाहता है कि इसे 4.5 फीसद तक बढ़ा दिया जाए ताकि वह खुले बाजार से अतिरिक्त 10,500 करोड़ रुपये जुटा सके।

केरल की मानवीय त्रासदी की कहानी सामने आने के बाद राहत के लिए हाथ बढ़ने लगे हैं। दूसरे राज्यों की सरकारें, कोरपोरेट जगत, लोगों ने दिल खोलकर दान करना शुरू कर दिया है। यहां तक कि छोटे बच्चे भी योगदान कर रहे हैं।

विजयन ने बताया है कि संयुक्त अरब अमीरात ने राज्य के पुनर्निर्माण कार्य के लिए 10 करोड़ डॉलर (करीब 700 करोड़ रुपये) की सहायता का वादा किया है। अबू धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश की। राज्य स्तरीय बैंकर समिति ने कृषि ऋण वसूली साल भर के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है।

करीब 2.12 लाख महिलाओं, 12 वर्ष से कम उम्र के एक लाख बच्चों समेत 10.78 लाख से अधिक लोगों ने 3,200 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। करीब पंद्रह दिन पहले मानसून ने राज्य पर कहर बरपाना शुरू किया था। हालांकि बीते दो दिन से बरसात से कुछ राहत मिली है, लेकिन बाढ़ प्रभावित एर्नाकुलम, त्रिसूर, पथनमथिट्टा, अलपुझा और कोल्लम जिलों के बड़े हिस्से में अब भी पानी जमा है।

बह गई ओणम, बकरीद की खुशियां
इस भयंकर त्रासदी के कारण बकरीद और ओणम का रंग फीका हो गया है। सरकार एवं अन्य निकायों ने ओणम को लेकर 25 अगस्त के कार्यक्रमों को रद कर दिया है। इस उत्सव के लिए एकत्र पैसे अब बाढ़ राहत पर खर्च किए जाएंगे। बुधवार को बकरीद भी बिलकुल सामान्य रहेगा। त्रिसूर, कोझिकोड और मालापुरम जिलों में मुस्लिम समुदाय के घर पानी में डूबे हुए हैं।

केरल को डॉक्टर, नर्स और भोजन की जरूरत
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अल्फोंस कन्ननथनम ने कहा कि केरल को तैयार भोजन, डॉक्टरों और नर्सो की आवश्यकता है। उन्होंने प्लंबर, बिजली मिस्त्री और बढ़ई जैसे कुशल श्रमिकों से घरों को रहने योग्य बनाने के लिए आगे आने और राज्य में स्थिति सामान्य करने में मदद करने की अपील की है।

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