अब ढाई एकड़ में भी बन सकेंगे केंद्रीय विद्यालय

दरअसल, मेट्रो शहरों में जमीन की कमी के कारण कई बार योजनाएं अटकी रह जाती हैं। इसी वजह से नियमों को सरल करने का प्रयास किया जा रहा है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 24 Feb 2017 12:37 AM (IST) Updated:Fri, 24 Feb 2017 01:20 AM (IST)
अब ढाई एकड़ में भी बन सकेंगे केंद्रीय विद्यालय
अब ढाई एकड़ में भी बन सकेंगे केंद्रीय विद्यालय

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महानगरों में केंद्रीय विद्यालय के लिए चार एकड़ जमीन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि अब महानगरों में ढाई एकड़ में भी केंद्रीय विद्यालय बनाए जा सकते हैं। शाहदरा में उत्तरी-पूर्वी जिले के पहले केंद्रीय विद्यालय का शिलान्यास करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि अन्य शहरों में आठ की जगह पांच एकड़ में इसका निर्माण किया जा सकता है। दरअसल, मेट्रो शहरों में जमीन की कमी के कारण कई बार योजनाएं अटकी रह जाती हैं। इसी वजह से नियमों को सरल करने का प्रयास किया जा रहा है।

गुरुवार को श्याम लाल कॉलेज के पास केंद्रीय विद्यालय की नींव रखते हुए जावड़ेकर ने कहा कि अब छह बड़े महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु में ढाई एकड़ जमीन पर भी विद्यालय का निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए भूमि की उपलब्धता के अनुसार भवन डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बच्चों का मैदान में पसीना बहाना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह केंद्रीय विद्यालय दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। केंद्रीय विद्यालय की मांग लोगों के बीच काफी है। इससे पता चलता है कि लोगों में अच्छी शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।

केंद्रीय विद्यालय के प्रत्येक छात्र पर सालाना 33 हजार खर्च

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