अम्मी तक पहुंचा देना मेरी मौत का पैगाम..

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर चार वर्ष पहले 26/11 को आतंकी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को जब 21 नवंबर को फासी दिए जाने के बारे में बताया गया तो उसने कहा, 'मेरी अम्मी को बता दें।'

By Edited By: Publish:Wed, 21 Nov 2012 04:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2012 05:56 PM (IST)
अम्मी तक पहुंचा देना मेरी मौत का पैगाम..

नई दिल्ली। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर चार वर्ष पहले 26/11 को आतंकी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को जब 21 नवंबर को फासी दिए जाने के बारे में बताया गया तो उसने कहा, 'मेरी अम्मी को बता दें।' बताया जा रहा है कि फांसी के तखते पर जाने से पहले कसाब ने नमाज भी पढ़ी।

लगता है कि कसाब की मा नूरी लाइ उसके सबसे करीब थीं। फासी पर लटकाने से पहले जब उससे उसकी आखरी इच्छा के बारे में पूछा गया तो उसने उन्हीं का नाम लिया। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद गृह सचिव आर के सिंह ने विदेश सचिव राजन मथाई को लिखा कि वह कसाब की मा और परिवार के अन्य सदस्यों को इस बारे में सूचित कर दें, जो पाकिस्तान में हैं।

कसाब की इच्छा के अनुरूप अधिकारियों ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के जरिए उनकी मा को कूरियर से पत्र भेजा। लश्कर-ए-तैयबा के 25 वर्षीय आतंकी को बुधवार सुबह पुणे के यरवदा जेल में फासी दे दी गई। सूत्रों ने बताया कि उसे इस बारे में 12 नवंबर को सूचित किया गया था। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने कसाब की फासी के बारे में पाकिस्तान सरकार को पत्र के जरिए बताया था, लेकिन जब पाकिस्तान सरकार ने उस पत्र को लेने से इन्कार कर दिया तो इसे फैक्स के जरिए भेजा गया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

chat bot
आपका साथी