कर्नाटक में आइपीएस को गाली देने पर बजरंग दल नेता समेत 100 पर केस
कर्नाटक पुलिस ने बजरंग दल के एक नेता और अन्य हिंदू संगठनों के 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आइपीएस अधिकारी को कथित तौर पर गाली देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। घटना 17 अक्टूबर की है। पढ़ें पूरी खबर।
हुबली, आइएएनएस। कर्नाटक पुलिस ने बजरंग दल के एक नेता और अन्य हिंदू संगठनों के 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आइपीएस अधिकारी को कथित तौर पर गाली देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। घटना 17 अक्टूबर की है, जब पुलिस उपायुक्त (कानून एवं व्यवस्था) के रामराजन मतांतरण के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी पर थे।
धर्म परिवर्तन करानों वालों को गिरफ्तार करने की मांग
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की मांग रखी और रामराजन के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। इस मामले में बजरंग दल नेता अशोक अनवेकर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि रामराजन धर्म परिवर्तन में शामिल लोगों का साथ दे रहे हैं। इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता रामराजन का नाम लेकर गद्दार-गद्दार चिल्ला रहे हैं।
उधर, बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद किया है, जिसमें पत्रकार से कार्यकर्ता बनी गौरी लंकेश की 2017 की हत्या के एक आरोपी के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (KCOCA) के कड़े आरोप वापस लिए गए थे।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश द्वारा दायर एक अपील को स्वीकार कर लिया और आरोपी मोहन नायक के खिलाफ केसीओसीए के तहत आरोपों को बहाल कर दिया। एक फिल्म निर्माता कविता लंकेश ने नायक के खिलाफ संगठित अपराध के तहत आरोपों को रद करने के लिए अप्रैल में राज्य उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी।
शीर्ष अदालत ने जून में कहा था कि लंकेश की याचिका पर फैसला होने तक आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। बता दें कि अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट को रद कर दिया था, साथ ही मामले में पूरक आरोप पत्र और बाद में नायक के खिलाफ KCOCA के आरोप हटा दिए गए थे।