जज लोया की हत्या की जांच के लिए बांबे हाई कोर्ट में अर्जी

याचिका में दलील दी गई है कि कई वरिष्ठ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भी इस मामले की स्वतंत्र जांच की जरूरत पर जोर दिया है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 09 Jan 2018 08:48 AM (IST) Updated:Tue, 09 Jan 2018 12:27 PM (IST)
जज लोया की हत्या की जांच के लिए बांबे हाई कोर्ट में अर्जी
जज लोया की हत्या की जांच के लिए बांबे हाई कोर्ट में अर्जी

मुंबई (राज्य ब्यूरो)। बांबे लॉयर्स एसोसिएशन (बीएलए) ने बांबे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बृजगोपाल हरिकिशन लोया की 2014 में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु की न्यायिक जांच की मांग की गई है। जज लोया गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की विशेष सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई कर रहे थे। बीएलए की याचिका अभी स्वीकृत होनी बाकी है।

संदिग्ध मौत पर जांच के लिए याचिका

याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग बनाकर इस मामले की जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में दलील दी गई है कि कई वरिष्ठ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भी इस मामले की स्वतंत्र जांच की जरूरत पर जोर दिया है।

याचिका में महाराष्ट्र सरकार के रजिस्ट्रार जनरल, जज की मौत को संदिग्ध बताते हुए समाचार छापने वाली पत्रिका और खबर लिखने वाले पत्रकार को पार्टी बनाया गया है। इस अर्जी को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने की मांग की गई है।

जून 2014 में हुए थे नियुक्त
जज लोया जून 2014 में मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में नियुक्त हुए थे। ये अदालत सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुख्य आरोपी थे।

दिल का दौरा पड़ने से हुई थी मौत
लोया की 30 नवंबर 2014 को संदिग्ध हालत में उनकी मौत हो गई। उनके परिवार ने भी इसके बाद कई महीनों तक मीडिया से कोई बात नहीं की। धीरे-धीरे कई मुलाकातों मुलाकातों के बाद जज लोया की मौत और सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में कई परेशान करने वाले साक्ष्य सामने आए हैं। उनसे पहले मामले की सुनवाई कर रहे जज का तबादला कर दिया गया था। लोया के बाद सुनवाई करने आए नए सीबीआइ जज ने अमित शाह को मामले से बरी कर दिया था।

वीडियो जारी होने के बाद उठे कई सवाल 
विशेष सीबीआई अदालत के जज बृज गोपाल हरकिशन लोया की मौत में नागपुर पुलिस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ एक के बाद एक साक्ष्यों का पर्दाफाश करने के बाद एक पत्रिका ने जज लोया के परिजनों के बयान का वीडियो जारी किया है, जिससे जज लोया की रहस्मय मौत पर कई सवाल खड़े होते हैं। इसमें जज लोया की बहन का कहना है कि सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह के पक्ष में फैसला देने के लिए जज लोया को 100 करोड़ रुपये और मुंबई में एक घर देने की पेशकश की गई थी।

एक दिसंबर, 2014 को 48 वर्षीय जज लोया एक विवाह समारोह में शामिल होने नागपुर गए थे। वहीं, दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। लोया के परिवार के लोग उनकी मौत पर संदेह जताते रहे हैं।

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