Jhiram Massacre: छत्तीसगढ़ में झीरम नरसंहार के सात साल बाद नई एफआइआर दर्ज

छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सरकार ने तीन और लैब टेस्टिंग के लिए शुरू करने का निर्णय लिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 05:52 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 05:52 PM (IST)
Jhiram Massacre: छत्तीसगढ़ में झीरम नरसंहार के सात साल बाद नई एफआइआर दर्ज
Jhiram Massacre: छत्तीसगढ़ में झीरम नरसंहार के सात साल बाद नई एफआइआर दर्ज

जगदलपुर, राज्य ब्यूरो। बस्तर पुलिस ने झीरम नरसंहार मामले में एक नई एफआइआर दर्ज की है। 25 मई 2013 को हुए झीरम नरसंहार में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत 33 लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। राजनांदगांव के पूर्व विधायक उदय मुदलियार भी इस घटना में मारे गए थे। उनके बेटे जितेंद्र मुदलियार ने बस्तर एसपी को पत्र लिख कुछ बिंदुओं पर जांच की मांग की है।

पुलिस ने हत्या और षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया

पुलिस ने हत्या और षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पत्र में क्या है इस बारे में एसपी कुछ बता नहीं रहे हैं। सूत्रों के अनुसार झीरम की घटना में नक्सली नेताओं का नाम पूछकर चुन चुनकर मार रहे थे तो इसमें कोई साजिश थी, यह मुद्दा उठाया गया है।

नक्सलगढ़ सुकमा जिले में कोरोना का खतरा मंडरा रहा

देश में सर्वाधिक हिंसा प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले सुकमा जिले में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। सुकमा की सीमा ओडिशा के मलकानगिरी जिले से सटी है। वहां कोरोना के 19 केस सामने आ चुके हैं। यह संख्या रोज बढ़ रही है। यह समूचा इलाका घने जंगलों से घिरा है। दर्जनों जंगली रास्तों से लोग दोनों राज्यों में आवाजाही करते हैं। मलकानगिरी में कोरोना के केस आने के बाद सुकमा हाई अलर्ट पर है। यहां जंगलों में अधिकांश गांव पहुंचविहीन हैं। नक्सलियों ने जगह जगह माइंस लगा रखी है। ऐसे इलाके में मीलों पैदल चलकर अपनी जान हथेली पर लेकर मेडिकल टीम गांव गांव पहुंच रही है।

स्वस्थ्य होकर लौटे पुलिस कर्मी में दोबारा कोरोना का संक्रम

छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मी के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उन्हें एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। स्वस्थ्य हो जाने पर उन्हें सूरजपुर जिले के लाइवलीहुड कॉलेज में 14 दिन के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। इस बीच उनकी दोबारा जांच कराए जाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे चिकित्सक भी हैरान हैं। आमतौर पर माना जाता है कि संक्रमण से उबरने पर एंटीबाड़ी डेवलप हो जाती है। प्लाजमा थेरेपी की वकालत भी इसी आधार पर की जाती है।

उद्योगों में श्रमिकों की पूर्ति के लिए गांवों में तलाशे जा रहे कुशल हाथ

प्रवासी मजदूरों के जाने की वजह से इन दिनों उद्योगों के पास सबसे बड़ी समस्या मजदूरों की किल्लत है। इसे देखते हुए फैक्ट्री मालिकों द्वारा कुशल हाथों की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री मालिकों द्वारा ग्राम पंचायतों, सरपंच से संपर्क किया जा रहा है और उन्हें कहा जा रहा है कि कुशल मजदूरों की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराएं। बता दें कि फैक्ट्रियों में इन दिनों 30 फीसद तक श्रमिकों की कमी है।

प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए तैयार हो रहे तीन और लैब, चार सप्ताह में होगा तैयार

छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सरकार ने तीन और लैब टेस्टिंग के लिए शुरू करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक ने बताया कि बिलासपुर राजनादगांव और अंबिकापुर में ये लैब चार सप्ताह के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। अभी प्रदेश मेंे एम्स रायपुर के अलावा रायपुर, जगदलपुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेजों में कोरोना टेस्ट हो रहा है।

युवा किसानों को सिखा रहे जैविक खाद से खेती का हुनर

लॉकडाउन के दौरान समय का प्रबंधन मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम रिसदा के किसानों ने खेती के विकास में किया। यहां के प्रगतिशील किसान राघवेंद्र सिंह ने अपने खेतों को ही प्रयोगशाला बनाया और परंपरागत खेती में आधुनिक और जैविक खेती का प्रयोग किया। वे प्रतिवर्ष जैविक खेती करते हैं। कोरोना काल में बीते 62 दिनों में उन्होेंने आस पास के किसानों को शारीरिक दूरी बनाकर खेती का हुनर सीखने का मौका दिया। राघवेंद्र के खजाने में 50 साल पुराने धान बीजों का अनूठा संग्रह भी है। राघवेंद्र की खासियत ये कि वे प्रमाणित बीजों का उत्पादन कर सरकार को आपूर्ति करते हैं। यही नहीं उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए श्रमिकों को भी जैविक खाद बनाने और खेती का प्रशिक्षण दिया।

केंद्र पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस का ऑनलाइन कैंपेन

लॉकडाउन में केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस ने ऑनलाइन विरोध अभियान शुरू किया है। कांग्रेस के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता गुरुवार को सुबह 11 से दोपहर दो बजे तक सोशल मीडिया पर ऑनलाइन होंगे। ये पदाधिकारी मजदूरों, गरीबों को 10 हजार देने की केंद्र सरकार से मांग करेंगे।

प्रवासी श्रमिकों को राहत व सामाजिक सम्मान दिलाने के लिए प्रदर्शन

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की अपील पर छत्तीसगढ़ में किसानों और दलित आदिवासियों से जुड़े 25 से ज्यादा संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रवासियों के राहत व समाजिक सम्मान दिलाने की मांग करते हुए लोग अपने घर, गली और कार्यस्थल पर शारीरिक दूरी बनाकर हाथ में तख्तियां लेकर विरोध जताते रहे।

कोरोना मीटर छत्तीसगढ़

नए केस-         शून्य

एक्टिव केस-    282

कुल संक्रमित- 361

स्वस्थ्य हुए-       79

मौत-              शून्य

chat bot
आपका साथी