India-China Relations: विदेश मंत्री ने बातचीत पर दिया जोर, कहा- चीन के साथ संबंधों में ढाई साल रहे बहुत कठिन

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि भारत के लिए चीन के साथ संबंधों में ढाई साल बहुत कठिन रहे। इसमें 40 साल बाद सीमा पर हुआ पहला संघर्ष भी शामिल है जहां हमने 20 सैनिकों को खो दिया।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 11 Oct 2022 11:17 PM (IST) Updated:Tue, 11 Oct 2022 11:17 PM (IST)
India-China Relations: विदेश मंत्री ने बातचीत पर दिया जोर, कहा- चीन के साथ संबंधों में ढाई साल रहे बहुत कठिन
विदेश मंत्री ने बातचीत पर दिया जोर, कहा- चीन के साथ संबंधों में ढाई साल रहे बहुत कठिन।

सिडनी, एजेंसी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि भारत के लिए चीन के साथ संबंधों में ढाई साल 'बहुत कठिन' रहे। इसमें 40 साल बाद सीमा पर हुआ पहला संघर्ष भी शामिल है, जहां हमने 20 सैनिकों को खो दिया। इसके बावजूद हमने बीजिंग के साथ संवाद के माध्यमों को खुला रखा, क्योंकि पड़ोसियों को एक-दूसरे से बात करनी पड़ती है।

LAC पर संघर्ष के बाद विदेश मंत्री ने चीन किया फोन

विदेश मंत्री जयशंकर ने आस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंधों के बढ़ते महत्व और क्वाड के सदस्यों के रूप में दोनों देशों के हितों पर लोवी इंस्टीट्यूट में अपने संबोधन के बाद सवालों के जवाब में यह बात कही। 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे जयशंकर ने कहा, 'हमारा प्रयास..मेरा प्रयास संवाद माध्यम को चालू रखने का रहा है। इसीलिए, जिस रात सीमा पर खून बहा, उसकी अगली सुबह मैंने अपने समकक्ष वांग यी को फोन किया। उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि चीनी पक्ष की ओर से कोई तनाव भड़काने वाला या जटिलता पैदा करने वाला काम नहीं किया जाए।'

LAC पर शांति और स्थिरता दोनों देशों के लिए जरूरी

विदेश मंत्री ने कहा, 'कूटनीति का मतलब संवाद है। यह सिर्फ चीन के साथ संबंधों में नहीं है। अन्य देशों के संबंधों में भी, अगर राजनयिक एक-दूसरे के साथ संवाद नहीं करेंगे, तो वे किस तरह की कूटनीति करेंगे। आखिर में देशों को एक-दूसरे के साथ बात करनी पड़ती है।' उन्होंने कहा कि भारत लगातार यह कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। गतिरोध हल करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं ने 16 दौर की बातचीत की है।

2020 में हुआ था दोनों सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष

बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध शुरू हुआ था। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच विवाद देखा गया। कुछ दिन पहले ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन के साथ LAC के मुद्दे पर गतिरोध कम हुआ है, लेकिन रिश्ते पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं।

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