1993 मुंबई धमाके: 24 साल बाद मुंबई को मिला इंसाफ,जख्मों पर लगा मरहम

1993 मुंबई धमाकों के सिलसिले में स्पेशल टाडा कोर्ट ने फिरोज राशिद खान और ताहिर मर्चेंट को फांसी और अबु सलेम सहित दो को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Thu, 07 Sep 2017 12:50 PM (IST) Updated:Thu, 07 Sep 2017 06:13 PM (IST)
1993 मुंबई धमाके: 24 साल बाद मुंबई को मिला इंसाफ,जख्मों पर लगा मरहम
1993 मुंबई धमाके: 24 साल बाद मुंबई को मिला इंसाफ,जख्मों पर लगा मरहम

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]।  मुंबई के बारे में कहा जाता है कि ये शहर कभी रुकता नहीं है। लोग अपनी रफ्तार से चलते रहते हैं और मायानगरी भी उसी कदम ताल के साथ आगे बढ़ती रहती है। लेकिन 1993 का वो वर्ष एक ऐसा दर्द दे गया, जिसकी टीस देश के हर हिस्से के लोग समान रूप से महसूस करते हैं। 1993 मुंबई धमाकों का सबसे बड़ा असर औद्योगिक गतिविधियों पर पड़ा जब मुंबई से तमाम छोटे उद्योग और व्यापरियों ने मायानगरी को अलविदा कह दिया। 24 साल बाद धमाकों के पीड़ितों के जख्मों पर स्पेशल टाडा अदालत ने मरहम लगाने का काम किया । अदालत ने ताहिर मर्चेंट और फिरोज राशिद खान को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि अबु सलेम और करीमुल्लाह खान को आजीवन कारावास और रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। 

स्पेशल टाडा कोर्ट से दोषियों को सजा

अबु सलेम- उम्रकैद

करीमुल्लाह खान- उम्रकैद

फिरोज राशिद खान- फांसी की सजा

ताहिर मर्चेंट- फांसी की सजा

रियाज सिद्दीकी- 10 साल की सजा
  

जानकार की राय

वरिष्ठ पत्रकार और 'Godfathers Of Crime' की लेखिका शीला रावल ने Jagran.Com से खास बातचीत में कहा कि ये तो पहले से ही तय था कि अबु सलेम को फांसी की सजा नहीं मिलेगी। अबु सलेम को अधिकतम 25 साल की सजा दी जा सकती थी, जो अदालत ने दे दी है। सजा मिलने के बाद अबु सलेम पैरोल या फर्लो के जरिए जेल से बाहर आने की कोशिश करेगा। पुर्तगाल में अपने खिलाफ केस को हटाने के लिए वो नाकाम कोशिश कर रहा है। पुर्तगाल वापस जाने के लिए अबु सलेम यूरोपीय यूनियन मानवाधिकार अदालत की शरण में भी पहुंचा था। अबु सलेम 2002 से जेल में है, चार साल वो लिस्बन की जेल में था और 12 साल से भारत की जेल में बंद है।

कोर्ट में क्या हुआ

-जिस दौरान जज सजा का ऐलान कर रहे थे, उस दौरान सलेम चुप खड़ा था।

- सजा का ऐलान होते ही अबु सलेम कोर्ट में बेंच पर बैठ गया ।

- सजा का ऐलान होते ही करीमुल्लाह शेख की आंखों में आंसू आ गए।

-  फैसला सुनाने के दौरान अदालत खचाखच भरी थी। 

 मुंबई धमाकों की पीड़ित की आपबीती

मुंबई धमाके को अपने आंखों से देखने वाले और इन धमाकों को झेलने वाले कीर्ति अजमेरा ने अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि 1993 से लेकर अब तक वे 40 ऑपरेशन करा चुके हैं, अभी भी मेरी बॉडी में कई कांच के टुकड़े हैं।उन्होंने कहा कि सजा का ऐलान पिछले दो साल से टल रहा है, कोर्ट को सभी को समान सजा देनी चाहिए. वैसे भी अभी तक लगभग 25 साल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि आज भी हमारे हालात को देखने वाला कोई नहीं है. लोग तभी सांत्वना देते हैं जब उनकी राजनीति का मतलब होता है।

कीर्ति ने बताया कि कोर्ट को राज्य सरकार को इससे जुड़े बाकी मामलों को भी जल्दी निपटाना चाहिए और हमारी ओर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल हमारी मदद नहीं कर रहा है।

मुंबई धमाकों के सिलसिले में अबु सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। पूरी दुनिया में गूगल ट्रेंड्स के अनुसार सबसे ज्यादा भारत में 100 अंक, यूएई में 76 अंक, ओमान, कतर और सऊदी अरब में 34, 27 और 24 अंकों के साथ इस कुख्यात शख्स को सर्च किया जा रहा है।

अबु सलेम पर आरोप

सलेम पर गुजरात से हथियार मुंबई ले जाने का आरोप था, जो सही साबित हुआ। सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी अभिनेता संजय दत्त को ए के 56 राइफलें, 250 कारतूस और कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर सौंपे थे। दो दिन बाद 18 जनवरी 1993 को सलेम और दो अन्य संजय दत्त के घर गए और वहां से दो राइफलें तथा कुछ गोलियां लेकर वापस आए थे।

सलेम पर भारत में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। सलेम नवी मुंबई के तलोजा जेल में है। उसे 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किया गया था। सलेम को 1995 में मुंबई के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के मामले में विशेष अदालत ने फरवरी 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

मोनिका बेदी के साथ पुर्तगाल में पकड़ा गया था सलेम

- अबु सलेम को पुर्तगाल सरकार ने इस शर्त के साथ भारत को सौंपा था कि उसे किसी भी मामले में मौत की सजा नहीं दी जाएगी।

- सलेम को पुर्तगाल पुलिस ने जब गिरफ्तार किया था तो वह एक होटल में अपनी गर्लफ्रेंड बॉलीवुड एक्ट्रेस मोनिका बेदी के साथ था।

- उसने 1998 में दुबई में कार ट्रेडिंग का कारोबार शुरू किया। इसी बीच एक स्टेज शो के दौरान उसकी दोस्ती एक्ट्रेस मोनिका बेदी से हुई थी।

- दोनों का निकाह होने की बातें भी सामने आई थीं। हालांकि, मोनिका और सलेम ने कभी भी इन रिश्तों का इजहार नहीं किया।

- मोनिका बेदी को भोपाल में बने फर्जी पासपोर्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसका यह पासपोर्ट भोपाल में बना था।

दाऊद इब्राहिम अब भी फरार

मुंबई बम धमाकों में आरोपी मुस्तफा दोसा और अबु सलेम सहित रियाज सिद्दीकी, करिमुल्ला खान, फिरोज अब्दुल राशिद, ताहिर मर्चेंट, अब्दुल कयूम के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दर्ज कर टाडा कोर्ट में मामला चलाया था। इन धमाकों के बाद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, अबु सलेम, मुस्तफा दोसा को फरार घोषित किया था। 30 जुलाई, 2015 को मुंबई धमाकों के एक केस में याकूब मेमन को फांसी हुई थी। इन धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहम को आज तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

आइए आप को गूगल मैप के जरिए बताते हैं कि मायानगरी मुंबई में किन-किन जगहों पर आतंकियों ने अपने नापाक कारनामों को अंजाम दिया था।


अबु सलेम- आपराधिक साजिश का दोषी करार, साजिश और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ।


मुस्तफा दोसा- षड़यंत्र, हत्या और आतंकी गतिविधियों के लिए दोषी करार। 2008 में दुबई से प्रत्यर्पण हुआ था। धमाके की साजिश और हथियार सप्लाई करने के लिए दोषी करार दिया गया था। दोसा की मौत हो चुकी है। 


फिरोज अब्दुल राशिद खान- हत्या का दोषी करार, फिरोज पर दुबई में मीटिंग में शामिल होने का आरोप था।
ताहिर मर्चेंट को भी टाडा अदालत ने दोषी माना है।


अब्दुल कय्यूम को अदालत ने सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। और उसे निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था।


रियाज सिद्दीकी को भी टाडा अदालत ने दोषी माना था। लेकिन साजिश के आरोप को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष साजिश के आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा।

257 लोगों की हुई थी मौत

1993 मुंबई धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 713 लोग घायल हुए थे। धमाकों की वजह से 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी। साल 2007 में पूरे हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में याकूब मेमन सहित सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे।

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