नाम बदलकर फिर पटरी पर दौड़ा पुराना महल, आएगी रजवाड़ों वाली फीलिंग

शाही सवारी के लिए जानी जाने वाली पैलेस ऑन व्हील्स अब नए कलेवर के साथ पटरियों पर हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स के नाम से दौड़ी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Publish:Sun, 31 Dec 2017 06:31 PM (IST) Updated:Sun, 31 Dec 2017 06:46 PM (IST)
नाम बदलकर फिर पटरी पर दौड़ा पुराना महल, आएगी रजवाड़ों वाली फीलिंग
नाम बदलकर फिर पटरी पर दौड़ा पुराना महल, आएगी रजवाड़ों वाली फीलिंग

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। अपनी शाही सवारी के लिए मशहूर रॉयल राजस्थान और पैलेस ऑन व्हील्स के बाद अब पटरियों पर एक और शाही ट्रेन दौड़ती नजर आई। राजस्थान के रजवाड़ों के रुतबे को अपनी ओट में समेटे हुए इस ट्रेन ने नए कलेवर और नए नाम के साथ यात्रियों के सफर को सुहाना बनाया। राजस्थान के साथ-साथ देश की भी शान मानी जाने वाली ट्रेन 'पैलेस आॅन व्हील्स' अब से 'हैरिटेज आॅन व्हील्स' के नाम से जानी जाएगी। इस ट्रेन ने यात्रियों को ऐतिहासिक राजसी ठाठ-बाठ का एहसास कराया।

दरअसल, 24 साल पुरानी पैलेस ऑन व्हील्स अब अपने नये नाम हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स के रूप में सामने आई और पहली यात्रा पर शुक्रवार को नई दिल्ली से थ्री नाइट गोल्डन टूर के लिए रवाना हुई। खास बात ये रही कि इस ट्रेन के सफर का आंनद लेने से पहले पर्यटकों का शाही अंदाज में स्वागत किया गया। 

फाइव स्टार होटल से कम नहीं हैं इस ट्रेन की सुविधाएं

शाही जीवन शैली जैसा अनूठा अनुभव देने वाली 'हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स' में सुविधाएं भी किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं हैं। सैलानियों को राजसी अनुभव कराने के लिए राजा-महाराजाओं की जीवन शैली पर शोध करवाया गया है और उसी के मुताबिक इसे तैयार किया गया है। इसमें पर्यटकों की आधुनिक सुख-सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान रखा गया है। लॉज, बार, महारानी रेस्त्रां जैसी सुविधाएं इस ट्रेन को खास बनाता है। ट्रेन के हर एक सैलून में टॉयलेट एवं वाशरूम को बेहतर बनाया गया है। सभी सैलून के फर्नीचर को नया रूप दिया गया है। इसके अलावा वुडन वॉल्स, बार और लॉन्ज एरिया को भी खास और नए लुक में तैयार किया गया है।

ये है हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स' का किराया

खास बात ये है कि सफर का आंनद उठाने के लिए पर्यटकों को अपनी जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि यह ट्रेन गोल्डन ट्रायंगल पर पर्यटकों को कम पैसे में सफर कराएगी। यानी साल के अंतिम सप्ताह और नए साल की शुरूआत से कम दामों में पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकेंगे। विभाग के मुताबिक इस ट्रेन का किराया 650 डाॅलर से घटाकर 300 डाॅलर यानि 19200 रुपये प्रतिदन तय किया गया है।

शाही ट्रेन 'पैलेस ऑन व्हील्स' का इतिहास

यह ट्रेन पुराने रजवाड़ों के राजसी ठाठ-बाट के साथ यात्रियों को शाही अंदाज में सफर करवाने के लिए शुरू की गई थी। इस ट्रेन में वो कोच लगाए गए थे, जिनका इस्तेमाल पहले के महाराजाओं ने किया था। हालांकि बाद में 1991 में उन कोचों को बदल दिया गया। पैलेस ऑन व्हील्स का पहला फेरा 1982 में शुरू हुआ था। शुरू के सालों में यह बहुत लोकप्रिय रही, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसका आकर्षण कम होता गया। साल 2007-2008 से 2013-14 के बीच इस ट्रेन के यात्रियों की संख्या में 43 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इस ट्रेन को सबसे बड़ा झटका साल 2015 में लगा जब बुकिंग के अभाव में इसका फेरा रद्द करना पड़ा। इस ट्रेन को अमेरिकी ट्रैवल मैगजीन कोन्डे नास्ट ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पांच ट्रेनों में पांचवा स्थान दिया था। 

विभाग का दावा सफल होगी यह नई ट्रेन

विभाग के अधिकारियों ने पहले से चल रही शाही ट्रेनों की तुलना में इस ट्रेन के सफल होने का दावा किया है। जनरल मैनेजर प्रदीप बोहरा के मुताबिक पहली बार तीन दिन के सफर के लिए चलाई जा रही यह ट्रेन पर्यटकों को खासा आकर्षित करेगी। उनका कहना है कि यह ट्रेन घरेलू पर्यटकों को ध्यान में रख कर चलाई जा रही है। कारण भी साफ है। ट्रेन का किराया भी कम और कम समय में गोल्डन ट्रायंगल की विजिट। ऐसे में तमाम विदेशी के साथ-साथ देशी पर्यटक भी आकर्षित होंगे।

शाही सफर रहा फीका

हालांकि देखा जाए पर्यटकों के लिहाज से पैलेस ऑन व्हील्स और राॅयल राजस्थान ट्रेनों का सफर अच्छा नहीं रहा है। यही नहीं, पैलेस ऑन व्हील्स में हमेशा यात्रियों का टोटा रहा है। वहीं महंगा किराया होने के चलते रॉयल राजस्थान को बंद कर दिया गया। ऐसे में ट्रेन का नाम बदलकर अब हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स किया गया है।

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