जब तलवार दंपति ने कहा एक शख्स और एक लड़की ने दी जीने की वजह

जेल से रिहा होने के बाद तलवार दंपति ने कहा कि जीने की वजह जब खत्म हो चुकी थी उस वक्त एक शख्स और लड़की ने जीने की वजह दी।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Sun, 29 Oct 2017 12:43 PM (IST) Updated:Sun, 29 Oct 2017 05:20 PM (IST)
जब तलवार दंपति ने कहा एक शख्स और एक लड़की ने दी जीने की वजह
जब तलवार दंपति ने कहा एक शख्स और एक लड़की ने दी जीने की वजह

नई दिल्ली [ स्पेशल डेस्क ] । आरुषि तलवार हत्याकांड में राजेश तलवार और नूपुर तलवार इलाहाबाद हाइकोर्ट से बाइज्जत बरी हो चुके हैं। लेकिन इस हत्याकांड का अनसुलझा पक्ष ये है कि आरुषि और हेमराज को किसने मारा था। इन सबके बीच अदालत से रिहाई के बाद तलवार दंपति मुख्यधारा में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। जेल में अपने अुनभवों को एक खास प्लेटफॉर्म पर उन लोगों ने साझा किया, जो अब सबके सामने हैं। तलवार दंपति की रिहाई से एक बात तो साफ है कि उन लोगों ने एक ऐसी जुर्म की सजा पायी जिसमें वो हिस्सेदार नहीं थे। तलवार दंपति का ये कहना है कि डासना जेल में रहने के दौरान उनकी उम्मीदें टूट चुकी थी। मानसिक तौर पर वो लोग और टूट गए होते अगर एक शख्स और एक लड़की की मदद न मिली होती। राजेश तलवार बताते हैं कि जेल में एक ऐसा शख्स था जिसने जिंदगी के जीने की वजह बतायी। वहीं दूसरी तरफ नूपुर तलवार का कहना है कि एक लड़की में उन्हें आरुषि का अक्श नजर आता था जो उनके जीने की वजह बनी।  

'लोगों की प्रतिक्रिया उम्मीद से हटकर'
हॉटस्टार को दिए साक्षात्कार में तलवार दंपति ने कहा कि बरी होने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया उम्मीद से हटकर थी। लोगों की तरफ से भरपूर भावानात्मक सहयोग मिल रहा है जिससे उन लोगों को मुख्यधारा में लौटने में मदद मिल रही है। इलाहाबाद हाइकोर्ट से रिहाई के बाद तलवार दंपति ने कहा कि इस बात को लेकर बहुत डर लग रहा कि समाज की प्रतिक्रिया कैसी होगी। लेकिन जिस तरह से लोगों से सहयोग मिल रहा है,वो उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। हाल ही में स्वर्णमंदिर में मत्था टेकने का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि लोग बड़ी संख्या में मिले और कहा कि कुछ गलत हुआ था लेकिन अब आप के साथ सही न्याय हुआ है। यही नहीं दीपावली के दिन भारी भीड़ के बीच मंदिर के सेवादार ने उन्हें कतार से हटाकर मत्था टेकने का मौका दिया। हम लोगों के प्रति उनकी सहानुभूति साफ तौर पर दिख रही था।

'एक शख्स ने बदल दी जिंदगी'
राजेश तलवार ने कहा कि डासना जेल में एक शख्स ने मानसिक सहारा दिया जिसकी वजह से वो लोग करीब चाल साल जेल में रह सके। उस शख्स ने उनकी जिंदगी को एक दिशा दी। डासना जेल में कभी कभी ऐसा लगता था कि अब निराशाभरी जिंदगी बितानी होगी। दरअसल अर्जी पर सुनवाई के नहीं होने और बाद में जमानत खारिज होने के बाद वो टूट चुके थे। लेकिन डेंटल क्लीनिक के जरिए बहुत से लोगों से मुलाकात होती थी। उन लोगों की पीड़ा को देख और सुनकर अपनी दिक्कत हल्की नजर आती थी। जेल में बंद लोग हर वक्त उन लोगों को दिलासा देते रहते थे। राजेश तलवार ने अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि जब आप दूसरे लोगों से बात करते हैं तो आपको एहसास होता है कि दुनिया में दुख और कष्ट की सीमा नहीं। ऐसा लगता है कि बहुत से ऐसे लोग हैं जिनकी परेशानी आप की समस्या से कहीं ज्यादा बड़ी है।

'पहले दो वर्ष थे कष्टकारी'
नूपुर तलवार ने कहा कि पहले दो साल ज्यादा दुखदायी थे। जेल में हर वक्त डर बना रहा था, उम्मीद की सभी किरणें टूट चुकी थीं। लेकिन जेल के अंदर ज्यादातर लोगों का रवैया सहयोग वाला था। नूपुर तलवार की बात को आगे बढ़ाते हुए राजेश तलवार ने कहा कि सच ये है कि जेल में उनके साथ किसी ने बुरा बर्ताव नहीं किया। लोग कहते थे कि भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं, एक न एक दिन आप लोगों को न्याय जरूर मिलेगा। आरुषि के बारे में जिक्र करते हुए नूपुर तलवार ने कहा कि ऐसा जख्म हम दोनों लोगों के हिस्से में आया है जो कभी भर नहीं सकता है। नूपुर का कहना था उनकी बेटी दुनिया में मशहूर होना चाहती थी। आरुषि की हर एक हरकत को भूल पाना आसान नहीं होगा। सच ये है कि हम लोगों की जिंदगी में जो खालीपन आया है वो कभी भर नहीं पाएगा।

'एक लड़की ने दी जीने की वजह'
नूपुर तलवार ने कहा कि जेल के अंदर वो एक लड़की के काफी करीब थीं। वो उनके ठीक बगल में सोया करती थी। मैं उसमें आरुषि की बहुत सी अच्छाइयों को देखती थी। वो मेरी हमेशा देखभाल करती थी। वो मुझसे आरुषि की ही तरह बातचीत किया करती थी। चार वर्षों में उनके जिंदा होने की सबसे बड़ी वजह वो लड़की थी। राजेश तलवार ने कहा कि पूरी कहानी किसी बुरे सपने की तरह है जिसे भूल पाना आसान नहीं होगा। लेकिन वो लोग सामान्य जिंदगी जीने की कोशिश कर रहे हैं।

तलवार दंपति ने कहा कि कृष्णा के साथ उन लोगों का संपर्क ना के बराबर था। उन लोगों ने हेमराज के परिवार को मदद की पेशकश की थी। उन्हें हेमराज को लेकर हमेशा दुख होता है। ये सच है कि उनका कष्ट की कोई सीमा नहीं है। लेकिन हेमराज के साथ जो कुछ हुआ उसकी पीड़ा सालती रहेगी। हेमराज के परिवार के लिए जो कुछ उन लोगों से संभव हो सकेगा वो लोग करते रहेंगे।

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