ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता के लिए जरूरी है थेरेसा मे का दोबारा PM बनना

ब्रेक्जिट के चलते ब्रिटेन को दो वर्ष बाद ही चुनाव में दोबारा जाना पड़ा है, जहां कंजर्वेंटिव पार्टी और लेबर पार्टी की सीधी टक्कर दिखाई दे रही है

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Sat, 03 Jun 2017 01:43 PM (IST) Updated:Sat, 03 Jun 2017 04:22 PM (IST)
ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता के लिए जरूरी है थेरेसा मे का दोबारा PM बनना
ब्रिटेन में राजनीतिक स्थिरता के लिए जरूरी है थेरेसा मे का दोबारा PM बनना

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। ज्यों-ज्यों 8 जून की तारीख़ नज़दीक आती है जा रही है ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए होने जा रहा मुक़ाबला और दिलचस्प होता जा रहा है। इस चुनाव पर सभी की ख़ास नज़र इसलिए लगी हुई है क्योंकि ब्रेक्जिट के चलते ब्रिटेन को दो वर्ष बाद ही चुनाव में दोबारा जाना पड़ा है, जहां कंजर्वेंटिव पार्टी और लेबर पार्टी की सीधी टक्कर दिखाई दे रही है।

चुनावी मैदान में 3300 से ज्यादा उम्मीदवार

हाउस ऑफ कॉमन्स की 650 सीटों के लिए इस बार ब्रिटेन में 3,300 से भी ज्यादा उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां पर सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी ने दूसरी पार्टियों की तुलना में इस बार ज्यादा उम्मीदवार उतारे हैं। लेकिन 2015 से अगर इसकी तुलना करें तो यह संख्या कम है। कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी आयरलैंड की 18 में से सात सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारा है जबकि ब्रिटेन में एक सीट को छोड़कर हर जगह उसने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। 2015 में भी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी आयरलैंड की 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि लेबर पार्टी उत्तरी आयरलैंड में चुनाव नहीं लड़ी थी।

टेरीजा मे की लोकप्रियता में गिरावट

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे उस वक़्त पूरी दुनिया को चौंका दिया था जब उन्होंने मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया था। लेकिन, उनका यह सियासी दांग उल्टा पड़ सकता है। वहां पर कुछ दिन पहलो 'यू गोव' सर्वेक्षण एजेंसी की तरफ से जो सर्वें किए गए थे उसमें टेरीजा मे को 20 सीटों का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया। अगर ऐसा होता है तो थेरेसा का दोबारा आना मुश्किल हो जाएगा।

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बहुमत के लिए चाहिए 326 का आंकड़ा

साल 2015 के चुनाव में डेविड कैमरन ने 331 सीटें जाती थी जबकि, बहुमत के लिए जो जरूरी आंकड़ा 326 होना जरूरी है। 2015 में हुए चुनाव में डेविड कैमरन ने 331 सीटें जीती थीं। चुनावी एजेंसी को अनुमान है कि इस बार टेरीजा मे की झोली में 310 सीटें ही रहेंगी। लेबर पार्टी की सीटें 232 से बढ़कर 257 तक जा सकती हैं। वैसे अन्य कई एजेंसियां अब भी टेरीजा मे की शानदार जीत का दावा कर रही हैं।

थेरेसा मे का जीतना ब्रिटेन के लिए अच्छा

Jagran.com से ख़ास बातचीत में पूर्व विदेश सचिव विवेक काटजू ने बताया कि भले ही तमाम एजेंसियां टेरीजा की लोकप्रियता को कम आंके लेकिन उनकी जीत ब्रिटेन के लिए अच्छा इस मायने में रहेगी क्योंकि इससे वहां राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी। काटजू ने कहा कि इस चुनाव का असर अब ब्रेक्जिट पर तो ख़ास नहीं पड़ेगा लेकिन ब्रिटेन के सामने ब्रेक्जिट बड़ी चुनौती है और ब्रेक्जिट से नेगोशिएशन उसके लिए इतना आसान भी नहीं रहेगा। 

महिला उम्मीदवारों का बढ़ा अनुपात

ब्रिटेन में साल 2015 के चुनाव में 26 फीसदी महिलाओं ने हिस्सा लिया था जबकि इस बार कुल उम्मीदवारों की संख्या 30 फीसदी है। वैसे, महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या 1,036 से घटकर 983 हो गई है। इस बार कंजर्वेंटिव पार्टी ने 28 फीसदी महिलाओं पर अपना दांव लगाया है तो वहीं दूसरी तरफ कंजर्वेटिव पार्टी ने 41 फीसदी महिला उम्मीदवार खड़े किए हैं।

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